उत्तरप्रदेश के घरों में छुपा है स्वाद का खजाना कि रेस्तंरा के खानों को भूल जाएंगे आप

यूं तो उत्तरप्रदेश का हर क्षेत्र अभी विधानसभा चुनाव के रंग में नजर आ रहा है। जहां सर्दियों के मौसम में चुनाव की गर्मी सब जगह फैली हुई है वैसे ही यहां के लेाकल घर के खानों की खुशबु भी हर तरफ महक रही है। जी हां, आज हम आपको इस चुनाव के रंग के बीच यहां के घरों में बनने वाले लजीज पकवानों के बारे में बता जा रहे हैं। जिन्हें खाकर आप रेस्तंरा के खानों को भूल जाएंगे। उत्तरप्रदेश के हर गांव घरों में इन पकवानों को उतने ही चाव से पकाया जाता है जितने चाव से ही इन्हें खाया जाता है। आइए जानें इन पकवानों के बारे में और इसे बनाने की विधि के बारे में।

यह शहर ऐसा है कि अगर आप यहां पर मेहमान के रूप में आए हैं तो इन घरों में आपका स्वागत सबसे पहले लड्डू और पानी से किया जाता है। खाना तो खाए बगैर यहां से आप जा नहीं सकते। यहां पर आपको हर घर की थाली में अचार जरूर मिलेगा। वहीं, खाने के साथ नींबू प्याज़ में नमक मिर्ची मिलाकर तो यहां दिया ही जाता है, जो खाने के स्वाद को दोगुना कर देता है। अब जिस खाने के बारे में इतनी बातें हो रही हैं तो उसके बारे में फटाफट जान भी लो आख़िर कौन-कौन सी हैं वो खाने की चीज़ें हैं।

मटर का निमोना
सर्दियों में यूपी में शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां मटर का निमोना न बने। मटर का निमोना बनाने के लिए सबसे पहले मटर को छीलें फिर उसे पीस लें। फिर उस पिसी हुई मटर को तेल या रिफ़ाइंड में जीरा डालकर थोड़ा भून लें। जब मटर भुन जाए तो उसे अलग बर्तन में रख लें और फिर उसी कढ़ाई में पूरा रोज वाला मसाला डालकर मसाले को अच्छे से भून लें। जब मसाला भुन जाए तो उसमें भुनी हुई मटर डाल कर अच्छे से मिलाएं और जरूरत के हिसाब से पानी जालकर थोड़ी देर चढ़ा रहने दें। अगर मीट मसाले का इस्तेमाल करती हैं तो स्वाद के लिए वो भी डाल सकती हैं। थोड़ी देर पकने के बाद गर्म गर्म निमोने को चावल या रेटी के साथ परोसे।

दाल के दुल्हा या दाल टिक्की
दाल के दुल्हा या दाल टिक्की खाने में बहुत टेस्टी होती है और इसे बनाने में ज़्यादा तामझाम भी नहीं करना पड़ता है। सबसे पहले जैसे अरहर की दाल बनाते हैं वैसे दाल को चढ़ाएं फिर आटे को गूंद लें। उस आटे की बड़ी.बड़ी रोटी नहीं, बल्कि छोटी.छोटी सी टिकिया बनाकर दाल में डाल दें। इसके बाद कुकर को बंद करके दो से तीन सीटी आने दें। जैसे ही सीटियां पूरी हों जाएं गैस बंद कर दें फिर प्रेशर निकलने के बाद कुकर खोलें और उसमें घी, हींग, लहसुन, प्याज और हरी मिर्च का तड़का लगाने के बाद इसका मजा लें।

बखीर या गुड़ की खीर
आपने चावल की खीर बनाते समय उसमें चीनी डालती होंगी, पर यूपी में इसमें चीनी की जगह गुड़ या गन्ने का रस डालकर बनाते हैं। इसका स्वाद चीनी से बहुत अलग सोंधा.सोंधा होता है। इसे गर्म गर्म खाने में और ज़्यादा टेस्टी लगती है।

दाल के फरा
दाल के फरा ठंडियों के मौसम में जरूर बनता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले चने की दाल एक रात पहले भिगो दें। फिर इसे सुबह पीस लें। पिसने के बाद दाल में नमक, मिर्च, मसाले, पिसा लहसुन हिंग डालकर मिला लें। इस पूरे मिश्रण के तैयार होने के बाद आटा सान लें। आटे की लोई को पूड़ी की तरह बेलकर उसमें दाल भरें। फिर उसे गुझिया की शेप में भरकर बना लें। ऐसे ही जितने भी बनाने हों बनाने के बाद कड़ाई में पानी डालकर भांप पर रखकर पकने के लिए छोड़ दें। जब ये पक जाए तो इसे आप प्याज और मिर्ची से अलग से फ़्राई कर सकते हैं और इसके बाद चाय के साथ या चटनी के साथ इसका लुत्फ़ लें।

अरबी के पत्ते की पकौड़ी
अरबी के पत्ते बड़े शहरों में बेरहमी से फेंक दिए जाते हैं, लेकिन यूपी में इन्हें प्यार से बेसन में लपेटकर बनाया जाता है और ये एक बेहतरीन ईवनिंग स्नैक्स और ब्रेकफ़ास्ट होता है। इसे बनाने के लिए पहले अरबी के पत्तों से डंडियां निकालकर उसे धो लें। फिर इसे पानी सूखने तक रख दें, तब तक बेसन में नमक, मिर्च, मसाला, हींग, पिसी हुई अदरक और लहसुन मिलाकर लेप तैयार कर लें। जब पत्ते सूख जाएं तो इसी लेप में पत्तों को लपेटकर तेल में भून लें। लीजिए तैयार हैं आपके पकोड़े।

लौकी की बर्फ़ी
लौकी की सब्ज़ी शायद ही कोई मन से खाता होगा, पर इसकी बर्फ़ी तो उंगलियां चाट.चाट कर खाओगे। सबसे पहले लौकी को काटकर उसमें से सारा बीज निकाल दें और उसे कद्दूकस में घिस लें। घिसने के बाद लौकी को कपड़े मे बांधकर सारा पानी निकाल दें। फिर कढ़ाई में घी डालकर घी गरम होने पर पिसी हुई लौकी को तब तक भूनें जब तक वो हल्की गुलाबी न हो जाएं। इसके बाद लौकी में दूध डालें और उसे दूध सूखने तक ढककर पकाएं। फिर इसमें चीनी, इलायची पाउडर, ड्राईफ़्रूट्स और नारियल का बुरा डालकर अच्छे से मिला लें। जब ये मिश्रण तैयार हो जाए तो एक ट्रे में घी को अच्छी तरह से फैलाकर उसमें तैयार किया हुआ मिश्रण अच्छे से फैलाकर रख दें, जब वो सूख जाए तो बर्फ़ी की शेप में काट लें और खा लें।

लौकी के छिलके की सब्ज़ी
लौकी ही नहीं उसके छिलके भी बहुत टेस्टी सब्ज़ी बनाने के काम आते हैं। लौकी काटने के बाद बचे हुए छिलकों को धो लें और छोटे छोटे काट लें। काटने के बाद कढ़ाई में तेल डालकर उसमें थोड़ा सा जीरा डालें। जब जीरा भुन जाए तो सारे मसाले, मिर्च और नमक डाल कर कटे हुए छिलके डाल दें। इस छिलकों को ख़ूब देर तक भूनें जब वो कुरकुरे हो जाएं तो उन्हें उतार लें और दाल.रोटी चावल के साथ खाएं। खाने का स्वाद दोगुना हो जाएगा।

कीमा पुलाव
बिरयानी तो दिल्ली हो या मुंबई हर जगह खाई होगी, लेकिन कीमा पुलाव उत्तरप्रदेश में ही मिलेगा। जिसे एक अवधी शासक के लिए उसके खानसामे ने बनाया था। दरअसल, इसके पीछे बड़ी दिलचस्प कहानी है कि जो सासक था उसे मीट के पीस खाने में समस्या होती थी, तो उसके खानसामे ने मीट को कूटकर कीमा बनाया और फिर उसे चावल में मिलाकर उसका कीमा पुलाव बनाया। इसे बनाने में मसाले बिरयानी से ज़्यादा डाले जाते हैं और इसमें दही, देसी घी और मलाई भी अच्छी मात्रा में पड़ता है।

धनिया के आलू
धनिया के आलू कानपुर में हर चाट के ठेले पर मिल जाएंगे। चटपटे धनिया के आलू मुंह का ज़ायका बना देते हैं। इसको बनाने के लिए सबसे पहले धनिया के मोटे वाले हिस्से को हटाकर अच्छे से धो लें, फिर धनिया और हरी मिर्च को काटकर मिक्सी में पीस लें। खट्टा करने के लिए नींबू को स्वादानुसार पीसी धनिया में निचोड़ लें और नमक भी मिला दें। तब तक आलू को उबाल लें। जब आलू उबल जाएं तो उसे छोटे.छोटे टुकड़ों में छीलकर काट लें। फिर जो धनिया का मिश्रण बनाया है उसमें वो आलू डालकर अच्छे से मिलाएं और चटपटे धनिया आलू का लुत्फ़ उठाएं।

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