नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, देर से पहुंची PF खाते में रकम से नहीं होगा आपका नुकसान

करोड़ों नौकरीपेशा लोगों के लिए एक अच्‍छी खबर है। अगर कर्मचारी का योगदान EPF खाते में देर से पहुंच रहा है तो इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने EPF खाताधारकों को शानदार व्‍यवस्‍था दी है, इस नुकसान से कर्मचारी पूरी तरह बच जाएगा। शीर्ष अदालत ने EPF खाते में योगदान की रकम देर से पहुंचने से हो रहे नुकसान की भरपाई कर्मचारियों को करनी होगी। अपनी बेसिक पे का EPFO के सबस्‍क्राइबर 12 फीसद योगदान करते हैं। नियोक्‍ता भी इसका योगदान करता है।

 

एक अहम केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि के योगदान को अगर कोई नियोक्ता समय पर जमा नहीं कर पाता है, तो हर्जाने का भुगतान करने के लिए वह कर्मचारी को जिम्‍मेदार है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक ने दायर एक अपील पर सुनवाई करते समय कहा कि ईपीएफ योगदान जमा करने में नियोक्ता विफल रहता है तो हर्जाना देने के लिए वह जिम्‍मेदार है।

सुप्रीम कोर्ट में दो जजेस की बेंच जस्टिस अजय रस्तोगी तथा जस्टिस अभय ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 20 से अधिक कर्मचारियों वाले किसी भी संस्थान में काम करने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा देता है।

पीठ ने कहा कि कि अधिनियम 1952 की धारा 14b के तहत नियोक्ता द्वारा ईपीएफ योगदान के भुगतान में चूक या देरी से हर्जाना लगाने के लिए एक अनिवार्य शर्त है।

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