ट्विटर ने नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, सुशील मोदी और चिराग पांडे के ब्लू टिक हटा दिए, लेकिन ललन सिंह और आरसीपी (राष्ट्रीय जनता पार्टी) अभी भी जीवित हैं।

ट्विटर ने नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, सुशील मोदी और चिराग पांडे के ब्लू टिक हटा दिए, लेकिन ललन सिंह और आरसीपी (राष्ट्रीय जनता पार्टी) अभी भी जीवित हैं।

जब से ट्विटर के नए मालिक, एलोन मस्क ने कंपनी को संभाला है, उनके पास बहुत उतार-चढ़ाव आए हैं। उनके फैसलों का कुछ असर बिहार में दिखने लगा है, जहां राजनीति के प्रमुख नेताओं के ब्लू टिक (जो दिखाते हैं कि वे ट्विटर पर कितने लोकप्रिय हैं) हटा दिए गए हैं।

ट्विटर ने नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, सुशील कुमार मोदी और चिराग पासवान के खातों से ब्लू टिक हटा दिए क्योंकि वे अब कार्यालय में नहीं हैं। हालांकि, ट्विटर ने ललन सिंह और आरसीपी सिंह का ब्लू टिक इसलिए रखा है क्योंकि वे अब भी पार्टी के नेता हैं.

यदि आपको ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक दिखाई देता है, तो वह व्यक्ति एक प्रामाणिक उपयोगकर्ता है और भरोसेमंद माना जाता है। ट्विटर सिर्फ ब्लू टिक वालों को तरजीह देगा और जल्द ही उन अकाउंट्स से ब्लू टिक हटाना शुरू कर देगा जिनके पास ब्लू टिक नहीं है। उदाहरण के लिए, एलोन मस्क ने पहले ही घोषणा कर दी है कि लोगों को अपना ब्लू टिक रखने के लिए भुगतान करना होगा। यह बदलाव समय के साथ धीरे-धीरे हुआ, क्योंकि यह पाया गया कि ट्विटर पर बहुत सारे फॉलोअर्स वाले हर कोई वास्तव में प्लेटफॉर्म का उपयोग करने में अच्छा नहीं था। कुछ मशहूर हस्तियों और कई राजनेताओं को ब्लू टिक मिलने लगे थे, लेकिन अब ज्यादातर लोगों के पास हैं।

कुछ लोगों के बहुत अधिक अनुयायी हैं (जैसे नीतीश कुमार) जबकि अन्य के नहीं (जैसे कन्हैया कुमार)। नीतीश कुमार के 82 लाख फॉलोअर्स हैं, जबकि कन्हैया कुमार के महज 39 लाख फॉलोअर्स हैं. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के 47 लाख, सुशील कुमार मोदी के 22 लाख और चिराग पासवान के 7.54 लाख फॉलोअर हैं. कांग्रेस के कन्हैया कुमार के 39 लाख फॉलोअर्स हैं, लेकिन ब्लू टिक वाले जदयू के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के फॉलोअर्स की संख्या महज 70.2 हजार है. पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के 84.2K फॉलोअर्स हैं।

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