एक ऐसा डिजिटल भिखारी जो छुट्टे ना होने पर ऑनलाइन लेता है भीख.

रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और ऐसे ही अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अक्सर हम भिखारियों को भीख मांगते देखते हैं और जब भी भिखारी हमारे पास आकर हम से कुछ मांगते हैं तो हम उनसे यह बोलकर मुक्ति पा लेते हैं कि “छुट्टे नहीं है, आगे बढ़ो”। लेकिन क्या हो जब छुट्टे ना होने पर भी एक भिखारी आपसे डिजिटल ही भीख ले ले। जी हां आजकल के भिखारी इतने ज्यादा मॉडर्न (modern) हो चुके हैं कि अब वह डिजिटली भीख मांग रहे हैं ।
हम बात कर रहे हैं बिहार के बेतिया रेलवे स्टेशन पर राजू पटेल नाम के भिखारी की जो लोगों को ऑनलाइन भीख देने का भी ऑप्शन देता है। 40 वर्षीय राजू अपने गले में एक QR-code का बोर्ड लगाए बैठे हैं. उसके पास एक टैबलेट भी है तो जब भी कोई शख्स बोलता है कि उसके पास छुट्टे नहीं है तो वह फटाक से अपना QR-code उसे दिखा कर उन्हें ऑनलाइन भीख देने का ऑप्शन बता देता है।
आपको बता दें कि यह भिखारी देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का फैन है और उनका रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ बहुत ध्यान से सुनता है साथ ही उसने बताया कि “मैं डिजिटल भुगतान स्वीकार करता हूं और यह मेरा पेट भरने के लिए काफी है वैसे तो मैं बचपन से भीख मांग रहा हूं लेकिन इस डिजिटल युग में मैंने भी भीख मांगने का तरीका बदल दिया है” राजू ने आगे बताया कि भीख मांगने के बाद वे स्टेशन पर ही सोता है उसके पास कोई दूसरा रोजगार नहीं है। कई बार लोग भीख नहीं देते क्योंकि उनके पास खुले पैसे नहीं होते हैं या फिर कैश नहीं होता तो वह राजू को डिजिटल पेमेंट कर देते हैं ऐसे में राजू ने एक बैंक का अकाउंट भी खुलवा लिया है और ई-वॉलेट यूज करने लगा।
राजू ने आगे बताया कि बैंक में खाता खुलवाने के लिए उसे बैंक को आधार और पैन कार्ड देना था इसलिए उसने अपना पैन कार्ड भी बनवाया। राजू ने बेतिया में भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में एक खाता खुला है और अब ज्यादातर लोग राजू को नगद ही भेज देते हैं मगर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो उसे गूगल और फोन पर के जरिए भीख देने लगे।
वाकई मानना होगा कि डिजिटल इंडिया का इससे अनोखा और अविश्वसनीय उदाहरण दूसरा नहीं मिलने वाला ।

Exit mobile version