Standing Committee Election: AAP और LG में फिर ठन गई, छोटे चुनाव और बड़ी जंग; क्या है पूरा विवाद?

Standing Committee Election: दिल्ली में स्टैंडिंग कमिटी चुनाव पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने एक सदस्य के लिए होने वाले चुनाव में शामिल होने से इनकार कर दिया है।

Standing Committee Election: दिल्ली में स्टैंडिंग कमिटी चुनाव पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने सदस्य चुनाव में भाग लेने से इनकार कर दिया है। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा है कि चुनाव 5 अक्टूबर को ही होगा, आज चुनाव के लिए जारी किया गया आदेश अवैध है। उन्होंने कहा कि सदन की अध्यक्षता कोई अधिकारी नहीं कर सकता है। इससे पहले गुरुवार को भी देर रात तक सदन में हंगामा होता रहा।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कमिश्नर को गुरुवार देर रात उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि शुक्रवार को निगम की स्थायी समिति की खाली सीट पर चुनाव कराया जाए। एलजी ने आदेश में कहा कि स्थायी सदस्य के छठे सदस्य के लिए चुनाव कराने में महापौर की विफलता के कारण, नगर निगम अधिनियम 1957 की धारा 487 के तहत असाधारण और असाधारण शक्तियों को लागू करने की आवश्यकता है।

सदन में एक दिन पहले बहुत हंगाम हुआ था। आम आदमी पार्टी ने पार्षदों की तलाशी का विरोध किया और सदन में मोबाइल ले जाने पर पाबंदी लगा दी। एलजी ने बाद में निर्णय पलट दिया, लेकिन मेयर शैली ओबेरॉय ने चुनाव को 5 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया। एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार ने दोपहर एक बजे चुनाव कराने की घोषणा की, एलजी के आदेश पर। एमसीडी सदन की बैठक में अतिरिक्त निगम आयुक्त जितेंद्र यादव को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया। इस पर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई है।

सिसोदिया ने कहा कि चुने हुए लोगों की बैठक की अध्यक्षता सिर्फ चुना हुआ व्यक्ति या स्पीकर ही कर सकता है। क्या विधानसभा या संसद की बैठक किसी अडिशनल सेक्रेट्री की अध्यक्षता में की जा सकती है? सिसोदिया और ओबेरॉय ने कहा कि यदि आज चुनाव होता है तो उनकी पार्टी इसमें भाग नहीं लेगी और इसे कानूनी रूप से चुनौती दी जाएगी। उनका कहना था कि चुनाव 5 अक्टूबर को ही होगा, जिसकी घोषणा मेयर ने सदन में की थी।

जिस सीट के लिए चुनाव होना है वह भाजपा की नेता कमलजीत सहरावत के पश्चिम दिल्ली सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद खाली हो गई थी।

मोबाइल पर हंगामा हुआ

एमसीडी कमिश्नर ने कहा कि सदन में मोबाइल फोन रखना गैरकानूनी है। आम आदमी पार्टी के पार्षद सदन में मोबाइल फोन लेने पर अड़ गए। अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने धरना लगाकर विरोध जताया। साथ ही मेयर ने कहा कि तलाशी से पार्षदों की गरिमा को चोट लगी है। सदन में दोबारा से पार्षदों की अनुमति की मांग की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उस समय, निगम सचिव ने सदन को नियम 51(5) का हवाला देते हुए कहा कि मोबाइल लाना गोपनीयता को भंग करना है।

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