रूस के बाद अब भारत को भी ‘अखंड-भारत’ बनाए जाने की मांग, पढ़े आगे

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैश्विक स्तर पर किसी भी देश या देश समूह की परवाह किए बगैर यूक्रेन पर अपनी पूरी ताकत से हमला बोल दिया। आज इस जंग का तीसरा दिन है, और पश्चिमी देशों की ओर से लगाई जा रही प्रतिबंधों की झड़ी और कड़ी निंदा के बावजूद रूस अपने कदम पीछे नहीं ले रहा है ।

और इसका सीधा असर विश्व के अन्य देशों पर साफ़ देखा जा सकता हैं,

बात करे हमारे देश भारत की तो अब यहां भी रूस के इस कदम को दोहराने की मांग उठ रही है, जिसमे भारत को एक बार फिर से अखण्ड भारत बनाएं जाने की मांग हो रही है।

भारत में सोशल मीडिया पर लोग भारत सरकार से भी रूस के नक्शे कदम पर चलने की मांग कर रहे हैं, मांग हों रही है कि जैसे रूस अखंड सोवियत रूस में तब्दील होने जा रहा है वैसे ही हमे भी हमारा अखंड भारत चाहिए। लोगों का अखण्ड भारत से मतलब अक्साई चीन और पीओके को लेकर ही है।

उत्तरप्रदेश अंबेडकर नगर से पूर्व सांसद हरी ओम पांडे ने ट्वीट किया की,

“रूस को उनका पुराना सोवियत संघ चाहिए।

चाइना को चहिए वन चाइना।

तो फिर हमे भी अखंड भारत चाहिए।”

रूसी सैनिकों और यूक्रेनियों के बीच युद्ध में आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि दोनो ही देश के सैकड़ों की संख्या में सैनिक अपनी जान गंवा रहे हैं और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन भी पश्चिमी देशों के भारी दबाव के बावजूद अपने इरादों पर डटे हुए हैं। कई देशों जिनमें अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन पहले ही रूस पर भारी प्रतिबंध लगा चुके हैं और कई बार सख्ती से धमकी भी दे चुके हैं लेकिन रूस अपने कदम पीछे हटाने को हरगिज़ तैयार नहीं दिख रहा है।

वही भोपाल से पूर्व राज्य प्रभारी, मध्य प्रदेश

शिवराज सिंह दबी ने ट्विटर पर लिखा है की, “राष्ट्रपति पुतिन ने बताया है कि किस प्रकार एक बार फिर अखंड रूस बनाया जा सकता है…

तो हम भारतवासियों को भी अखंड भारत की उम्मीद नहीं खोनी चाहिए।”

इसी तरह सोशल मीडिया पर लाखों की संख्या में लोग कह रहे हैं कि हमे भी रूस की तरह हमारा अखंड भारत चाहिए।

 

भावना अरोरा ने ट्विट किया की “Since we know what NATO and UN is actually capable of – it’s time for us to take back POK.” (चूंकि हम जानते हैं कि नाटो और संयुक्त राष्ट्र क्या करने में सक्षम हैं – हमारे लिए पीओके को वापस लेने का समय है)अखंड भारत से इन लोगों का इशारा उन क्षेत्रों की तरफ है, जिन पर भारत द्वारा दावा तो अपना किया जाता है लेकिन उसमें पड़ोसी मुल्कों के साथ विवाद भी बना ही रहता है। भाजपा (BJP) और आरएसएस (RSS) के सदस्यों की ओर से इससे पहले भी अखण्ड भारत के लिए मांग उठाई जाती रही है।

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