CM Yogi News: महाकुंभ में भगदड़ के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार 48 घंटे से वहां की व्यवस्था और सुरक्षा इंतजामों पर निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने आला अधिकारियों से निरंतर जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
महाकुंभ में भगदड़ के बाद, CM Yogi Adityanath लगातार 48 घंटे से वहां की व्यवस्था और सुरक्षा उपायों पर निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने आला अधिकारियों से निरंतर जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्य सचिव और डीजीपी ने उनके निर्देश पर सुरक्षा उपायों की समीक्षा की, और जांच आयोग ने भी काम शुरू किया। साथ ही, उन्होंने उन जिलों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए जो श्रद्धालु प्रयागराज से आते हैं।
28 जनवरी की रात में महाकुम्भ में हुए हादसे के बाद, मुख्यमंत्री सुबह 3.30 बजे से हर हाल की जानकारी ले रहे थे। पूरी रात वह नहीं सोया और अधिकारियों के साथ बार-बार चर्चा की। वाररूम के तौर पर उन्होंने भी काम जारी रखा। उन्होंने डीजीपी और मुख्य सचिव को प्रयागराज भेजा, जहां उन्होंने अपने प्रमुख सचिव संजय प्रसाद सहित अन्य अधिकारियों के साथ परिस्थितियों का आकलन किया। अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते रहें।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से ट्रेनों के संचालन और रेलवे स्टेशनों की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने उन जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं के मार्गों पर सुविधाओं की कोई कमी न हो और अधिकारी उनकी जरूरत का ख्याल रखें।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी महाकुंभ क्षेत्र में पहुंचे और व्यवस्थाओं को देखा। दोनों अधिकारी घायल श्रद्धालुओं से भी मिले। मुख्य सचिव और डीजीपी ने श्रद्धालुओं को हर संभव सहायता देने का वादा किया। इस बीच, मौनी अमावस्या के बाद भी प्रयागराज के सभी घाटों पर दो करोड़ से अधिक लोगों ने गुरुवार को डुबकी लगाई।
संगम नोज पर मौनी अमावस्या के शाही स्नान से ठीक पहले भगदड़ हुई थी। तीस श्रद्धालुओं की मौत हुई। 60 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हादसे के बाद से प्रयागराज के आसपास के जिले भी अलर्ट मोड पर हैं। वहां पर सड़क पर आने वाले वाहनों को रोका जा रहा है। प्रयागराज से संकेत मिलने के बाद उन्हें बारी बारी से छोड़ दिया जाता है।
मुख्य सचिव और डीजीपी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और घायलों का जाना हाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुम्भ नगर पहुंचे मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने पहले झूंसी दी। वहां दोनों अफसरों ने बस अड्डा और एरावत घाट देखा। दोनों अधिकारी फिर संगम नोज के खंभा नंबर 157 के पास गए, जहां मौनी अमावस्या की रात भगदड़ हुई थी। घटना कैसे हुई, उसकी जानकारी ली। डीएम महाकुम्भ विजय किरण आनंद ने उन्हें घटना का पूरा विवरण दिया।
दोनों अधिकारी संगम नोज की निगरानी करने के लिए थोड़ी दूर पर बनाए गए वाच टॉवर पर गए और ऊपर से पूरे क्षेत्र को देखा। इस दौरान डीएम महाकुम्भ और दो पुलिस अफसर उनके साथ रहे। दोनों अफसर लगभग दो घंटे तक पद पर रहे। हमने मौनी अमावस्या की रात भीड़ के आगमन की पूरी जानकारी ली, उस समय क्या स्थिति थी, भीड़ का दबाव कब और कैसे बढ़ा। बाद में, दोनों अफसर आईट्रिपलसी पहुंचे और अफसरों के साथ एक बैठक में वसंत पंचमी के स्नान को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देशों का निर्धारण किया।
घायलों और उनके परिजनों से मुलाकात की
बैठक के बाद मुख्य सचिव और डीजीपी परेड मैदान में बनाए गए केंद्रीय अस्पताल गए और वहां की व्यवस्था देखी। वहां से स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय पहुंचे, भगदड़ में घायल हुए श्रद्धालुओं का इलाज यहीं पर किया जा रहा है। अफसरों ने घायलों और उनके परिजनों से उनका कुशलक्षेम पूछा। घटना वाली रात क्या हुआ था इसकी भी जानकारी ली। दवा और इलाज कैसा चल रहा है, यह भी जाना। अफसरों ने चिकित्सकों को घायलों का उचित उपचार करने के निर्देश दिए, कहां कि इन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अफसरों ने नैनी जाकर बस अड्डे का भी निरीक्षण किया।