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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के रोल-आउट को मंजूरी, जानिए क्‍या है योजना और खासियत

नेशनल डेस्‍क। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को पांच साल की अवधि के लिए 1,600 करोड़ रुपए के बजट आउटले के साथ राष्ट्रव्यापी रोलआउट को मंजूरी दे दी। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक बयान में कहा, एबीडीएम के तहत, नागरिक अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या बना सकेंगे, जिससे उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ा जा सकेगा।

मंत्रालय के अनुसार यह विभिन्न स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में व्यक्तियों के लिए अनुदैर्ध्य स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाने में सक्षम होगा, और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा नैदानिक ​​निर्णय लेने में सुधार करेगा। सरकार के अनुसार, मिशन टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करके और स्वास्थ्य सेवाओं की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को सक्षम करके गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच में सुधार करेगा।

मंत्रालय ने बताया कि एबीडीएम का पायलट छह केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में पूरा किया गया था। पायलट के दौरान, एक डिजिटल सैंडबॉक्स बनाया गया था जिसमें 774 से अधिक साझेदार समाधान एकीकरण के दौर से गुजर रहे हैं।

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बयान में कहा गया है कि हेल्थकेयर इकोसिस्टम में डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस, पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक लाभकारी साबित हुए हैं, CoWIN, आरोग्य सेतु और ई-संजीवनी ने आगे यह प्रदर्शित किया है कि हेल्थकेयर तक पहुंच को सक्षम करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका हो सकती है।

इस वर्ष 24 फरवरी तक 17,33,69,087 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं और एबीडीएम में 10,114 डॉक्टर और 17,319 स्वास्थ्य सुविधाओं का पंजीकरण किया जा चुका है। बयान में कहा गया है कि एबीडीएम न केवल प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप के लिए साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि यह नवाचार को भी उत्प्रेरित करेगा और स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र में रोजगार पैदा करेगा।

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