Breaking: अरूणाचल प्रदेश के तवांग में 13000 फीट पर बन रही दुनिया की सबसे ऊंची टनल का निर्माण पूरा होने को..

एएनआई: भारतीय सेना बल के लिए अरुणाचल प्रदेश से एक अच्छी खबर है। बताया जा रहा है कि सेला सुरंग परियोजना के लिए खुदाई का काम पूरा हो गया है‌। कहा गया है कि सेला टनल पर काम पूरा हो जाने के बाद यहां हर मौसम में आवजाही हो सकेगी।विश्लेषकों के मुताबिक चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश में यह सुरंग सैनिकों को तवांग सेक्‍टर के फॉरवर्ड एरियाज तक जल्‍द पहुंचने में गेमचेंजर साबित होगी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सेला टनल प्रॉजेक्‍ट अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है।

एक सप्ताह पहले ही एक अफसर ने मीडिया चैनल को बताया था कि सुरंग के जरिए सेला पास को बायपास करने की योजना है। यह टनल 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगी। इस सुरंग के बनने के बाद सेना को काफी मदद मिलेगी। इससे तेजपुर में स्थित आर्मी कैंप से एलएसी की दूरी तय करने में 1 घंटा कम समय लगेगा।

ज्यादा जानकारी देते हुए बता दें कि सुरंग परियोजना की आधारशिला फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। इस परियोजना पर करीब 700 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। सेला सुरंग प्रॉजेक्‍ट अगले तीन साल में पूरा होने की उम्मीद है। सेला दर्रा (पास) 317 किलोमीटर लंबे बालीपारा-चाहरद्वार-तवांग सड़क पर 13,800 फीट ऊंचाई पर स्थित है। एक बयान में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 980 मीटर लंबी सेला टनल (टनल 1) के लिए आखिरी आयोजन वर्चुअल सेरेमनी के जरिए हुआ‌। यह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग, पूर्वी कामेंग और तवांग जिलों को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता है। बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने शनिवार को एक सुरंग के लिए आखिरी धमाका किया है। जानकारी के अनुसार सेला टनल 13,000 फीट से ज्‍यादा की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे बड़ी डबल लेन सुरंग होगी।

बीआरओ के महानिदेशक ने की थी सुरंग की शुरुआत

बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने पिछले साल टनल के दक्षिण सिरे पर ब्लास्टिग पर टनल की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने, देश की क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने में अपने प्राण न्योछावर करने वाले बहादुर जवानों की सराहना की।पिछले 6 दशक से बीआरओ सुरक्षा बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में सबसे दुर्गम इलाके में सड़क, पुल, हवाई क्षेत्र और टनल का काम करके स्थानों और लोगों को जोड़ने का काम कर रही है।

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