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Chhatarpur मंदिर में माता का श्रृंगार हर दिन विशेष फूलों की माला से किया जाता है; जानें, क्या हैं यहां की मान्यताएं?

Chhatarpur मंदिर

Chhatarpur मंदिर: दिल्ली के प्रसिद्ध और मान्यता प्राप्त मंदिरों में से एक छतरपुर में स्थित आद्या कात्यायिनी शक्तिपीठ मंदिर है। यह भव्य मंदिर एक प्रतिष्ठित शक्तिपीठ है। यहां माता के दर्शन-पूजन के लिए आम दिनों में भी लोगों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्रि (Navratri) के समय भक्तों की संख्या काफी बढ़ जाती है। इस दौरान प्रतिदिन लगभग डेढ़ से दो लाख भक्त माता की पूजा करने आते हैं।

Chhatarpur मंदिर की इस प्रसिद्ध शक्तिपीठ में माता का श्रृंगार बहुत अलग है।हर दिन सुबह साढ़े तीन बजे माता की पूजा की जाती है। Chhatarpur मंदिर: माता के कपड़े और आभूषण कभी नहीं मिलते। माता के श्रृंगार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि माता को हर दिन फूलों का एक बड़ा हार चढ़ाया जाता है; ये फूल सिर्फ दक्षिण भारत से आते हैं, इसलिए हर दिन हवाई मार्ग से दक्षिण भारत से माता को दिल्ली लाया जाता है।

मंदिर ग्रहण के लिए भी खुला रहता है

यह सफेद संगमरमर का मंदिर मूलतः देवी कात्यायनी को समर्पित है। मंदिर में दर्शन के समय भी यह खुला रहता है। यहां माता के अलावा शिव, विष्णु, हनुमान, गणेश, राम और देवी लक्ष्मी के मंदिर भी हैं। श्रद्धालु इस मंदिर में एक प्राचीन पेड़ पर धागे और चूड़ियां बांधते हैं। इस पेड़ पर धागे और चूड़ियां बांधने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, ऐसी मान्यता है।

Chhatarpur मंदिर: अपनी मान्यताओं के अलावा, यह मंदिर शिल्पकला के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। इस सफेद संगमरमर से बने मंदिर में शिल्प और नक्काशी का अद्भुत संगम दिखाई देता है। श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र मंदिर परिसर में एक विशाल दरवाजे पर लगा बड़ा ताला है। मंदिरों में अक्सर दानकर्ताओं के नाम लिखे होते हैं, लेकिन इसमें कोई नाम नहीं है। मंदिर श्री आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित होता है।

 

नवरात्र पर माता का सुंदर घर देखने का लाभ

माता के इस मंदिर में उनके लिए एक सुंदर और सुंदर घर बनाया गया है, जहां अलग-अलग भोजन और शयन कक्ष हैं। यह भी भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है। भक्तों को माता के इस सुंदर घर को देखने का मौका सिर्फ उत्सवों और नवरात्रों में मिलता है। भक्तों के लिए यह भवन बहुत महत्वपूर्ण है, जिसे अंदर लगे शीशे से देखा जा सकता है।

 

 

Chhatarpur मंदिर का निर्माण कर्नाटक के संत बाबा नागपाल ने किया था

माता का इस सुंदर मंदिर लगभग पांच सौ वर्ष पुराना है। 1974 में इस मंदिर का शिलान्यास हुआ था। मंदिर को कर्नाटक के संत बाबा नागपाल ने बनाया था। मंदिर स्थल पर पहले एक कुटिया हुआ करती थी। 70 एकड़ में बना यह सुंदर मंदिर है। मंदिर माता कात्यायनी, माता के छठे स्वरूप को समर्पित है। इसलिए इसे कात्यायनी शक्तिपीठ भी कहा जाता है। Chhatarpur मंदिर: राजधानी का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर लगभग बीस छोटे-बड़े मंदिरों से बना है।

मंदिर में कैसे और कब जा सकते हैं?

यह मंदिर नवरात्रि में हर समय खुला रहता है, इसलिए आप अपनी सुविधानुसार माता के दर्शन कर सकते हैं। हालाँकि, सामान्य दिनों में मंदिर सुबह पांच बजे से रात दस बजे तक खुला रहता है, लेकिन पूर्णिमा के दिन सुबह चार बजे से रात बारह बजे तक खुला रहता है। हर दिन नवरात्रि के दौरान 10 घंटे भंडारा चलता है। इस मंदिर तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका मेट्रो है; दिल्ली की किसी भी मेट्रो लाइन से छतरपुर मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। रिक्शे या ऑटो से आधा किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

यदि आप सड़क पर जाएँ तो बस से छतरपुर मेट्रो स्टेशन या बस स्टैंड तक जा सकते हैं और फिर इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं। वहीं आप ऑटो, टैक्सी या टैक्सी से मंदिर तक भी जा सकते हैं। मंदिर में निजी कार या टैक्सी पार्किंग भी है। यह पार्किंग मंदिर सड़क के किनारे बना है, जहां प्रतिदिन १५०० से २००० गाड़ी खड़ी करने की सुविधा है।

 

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