CM Yogi Adityanath: बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए स्थानीय नदी परिस्थितियों का सर्वेक्षण कराएं

CM Yogi Adityanath ने बाढ़ की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए नदी की स्थानीय परिस्थितियों का अध्ययन करने  के निर्देश दिए है।

CM Yogi Adityanath ने बाढ़ की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए नदी की स्थानीय परिस्थितियों का विश्लेषण करने का आदेश दिया है। बाढ़ संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए CM Yogi Adityanath ने कहा कि जहां जहां कहीं नदी के मेन स्ट्रीम में सिल्ट की अधिकता हो, नदी उथली हो, वहां ड्रेजिंग को प्राथमिकता दी जाए और नदी को चैनलाइज किया जाए। यदि ड्रेजिंग कटान को रोके नहीं तो तटबंध या अन्य कटान निरोधी उपायों को अपनाया जाए। CM Yogi Adityanath ने सभी नदियों का ड्रोन सर्वेक्षण करके स्थानीय हालात का पता लगाने का आदेश दिया।

CM Yogi Adityanath ने शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा के लिए जारी तैयारियों की भी समीक्षा की. उन्होंने अतिसंवेदनशील, संवेदनशील जिलों और पूर्ण और लंबित परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दशकों तक व्यापक जन-धन हानि का कारण रही बाढ़ की समस्या का स्थायी निदान करने के लिए पिछले आठ वर्षों में किए गए योजनाबद्ध प्रयासों से अच्छे परिणाम मिले हैं। बाढ़-संवेदनशील जिलों की संख्या में भारी कमी आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमने आधुनिकतम तकनीक का उपयोग कर बाढ़ का खतरा कम किया है। बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए अंतरविभागीय समन्वय अच्छा काम किया है।

CM Yogi Adityanath को बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई ने बताया कि 2018-19 से अब तक 1575 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं, जो जन-धन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई थी। इसमें वर्ष 2024-25 में 305 परियोजनाएं पूरी की गई हैं। 2024–25 में किए गए प्रयासों से 4.97 लाख हेक्टेयर जमीन और 60.45 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं। वर्तमान सत्र के लिए निर्धारित परियोजनाओं का अतिरिक्त कार्य प्राथमिकता के आधार पर समय के भीतर पूरा करने के लिए CM Yogi Adityanath ने निर्देश दिए। उनका कहना था कि परियोजनाओं को देरी करने से न केवल कार्य प्रभावित होता है, बल्कि बजट भी बढ़ता है। यही कारण है कि सभी को निर्धारित समय सीमा में पूरा करना चाहिए। बजट किसी भी परियोजना का पुनरीक्षण नहीं होगा।

24 जिले अतिसंवेदनशील हैं

CM Yogi Adityanath ने कहा प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी इसमें शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज के क्षेत्र संवेदनशील हैं। यहाँ विभाग को सतर्क रहना होगा। वरिष्ठ अधिकारी अतिसंवेदनशील और संवेदनशील तटबंधों का निरीक्षण करें।

31 मार्च से पहले तालाब को साफ करा लें

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बाढ़ से बचने के लिए विभिन्न नदियों पर 523 तटबंध (कुल 3869 किमी) और 10727 ड्रेन (कुल 60047 किमी) बनाए गए हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी तटबंधों की निरंतर निगरानी की जानी चाहिए।सभी ड्रेन की सफाई 31 मार्च के पहले करा ली जाए। राज्य और जिला स्तर पर बाढ़ राहत नियंत्रण 24 घंटे 7 घंटे चालू रहें। उनका कहना था कि श्रावस्ती, गोण्डा, सीतापुर, हरदोई और बाराबंकी में प्रस्तावित कामों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समय पर पूरा किया जाएगा। नदियों में अवैध खनन को रोकने के लिए लगातार निगरानी की जाती रहेगी।

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