CM Yogi ने देवाधिदेव महादेव को दूध, दही, घी, शर्करा और कई पवित्र स्थानों के जल से रुद्राभिषेक किया। रुद्राभिषेक अनुष्ठान को शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा पूरा किया गया था।
CM Yogi Adityanath गोरखपुर में उपस्थित हैं। शुक्रवार की सुबह उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक करके लोकमंगल की कामना की। उन्होंने भगवान भोलेनाथ से देश के कल्याण और सभी लोगों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। सीएम योगी ने पौष माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी, या विनायक चतुर्थी, पर हवन करके रुद्राभिषेक अनुष्ठान पूरा किया। गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर आवास के प्रथम तल पर शक्तिपीठ में सीएम योगी ने देवाधिदेव महादेव को दूध, दही, घी, शर्करा और कई पवित्र स्थानों के जल से रुद्राभिषेक किया। रुद्राभिषेक का अनुष्ठान मठ के विद्वान पुरोहितों ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा पूरा किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रुद्राभिषेक के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन किया। विधि विधान से पूरा करने के बाद, उन्होंने भगवान भोलेनाथ से देश के कल्याण की प्रार्थना की और सभी लोगों को स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि और शान्तिपूर्ण जीवन की शुभकामना दी।
जैसा कि परंपरागत है, सीएम योगी गोशाला में गए और कुछ देर तक वहां गो-सेवा की। आज CM गोरखपुर में मिनी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का उद्घाटन करेंगे। वह आज रैन बसेरे भी देखेंगे और जरूरतमंदों को कंबल भी देंगे। गोरखनाथ मंदिर में इन दिनों मकर संक्रांति से लगने वाले खिचड़ी मेला की तैयारियां जोरों पर हैं।
CM Yogi ने देवाधिदेव महादेव को रुद्राभिषेक करते हुए विल्व पत्र, कमल पुष्प आदि अर्पित करके प्रदेशवासियों को सुख, समृद्धि और शान्ति की कामना की। मंदिर परिसर में सैकड़ों फरियादियों से बाद में सीएम योगी ने मुलाकात की। उन्होंने प्रत्येक फरियादी के पास जाकर उनके प्रार्थना पत्र लेकर उनसे बातचीत की। CM योगी ने वहां मौजूद अधिकारियों को लोगों की परेशानियों को तुरंत हल करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री गोरखपुर में जनता दर्शन के तहत फरियादियों से जरूर मिलते हैं। लोग अपनी समस्याओं के समाधान का भरोसा लेकर सुबह-सुबह ही मंदिर पहुंच जाते हैं। जनता दर्शन में बड़ी आसानी से सीएम से उनकी मुलाकात होती है और समस्याओं का समाधान भी मिलता है।
गोरखनाथ मंदिर में योगाभ्यास
गोरखनाथ मंदिर में अनवरत योग साधना प्राचीन काल से चल रही है। माना जाता है कि गुरु गोरखनाथ कांगड़ा की ज्वालादेवी के स्थान से गोरखपुर आए थे। यहीं, नदियों के तट पर, उन्होंने अपनी दिव्य समाधि लगाई थी। गोरखनाथ मंदिर वहीं है। गोरखपुर का नाम नाथ पंथ के संस्थापक गुरु गोरखनाथ के पुण्य स्थान से पड़ा है। गोरखनाथ मंदिर में योग साधना निरंतर चलती रहती है। जब भी CM योगी गोरखपुर आते हैं, वे मंदिर में पूजन करके राज्य और देशवासियों के सुख-शांति की कामना करते हैं।
मकर संक्रांति पर खिचड़ी मेला लगेगा
मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालु गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाते हैं। मंदिर में खिचड़ी मेला की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। गुरुवार को CM योगी ने गोरखनाथ मंदिर में अधिकारियों की एक बैठक में इन तैयारियों का निरीक्षण किया। इस दौरान, उन् होंने कहा कि खिचड़ी मेले की सभी तैयारियां समय पर पूरी की जाएं, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होगी। इसे हर विभाग की पहली प्राथमिकता में रखें।
क्या होता है रुद्राभिषेक
रुद्राभिषेक का अर्थ है रुद्र यानी भूतभावन शिव का अभिषेक। रुद्र और शिव एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही रुद्र कहा जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली के पातक कर्म और महापातक भी जलकर भष्म हो जाते हैं। इससे साधक में शिवत्व का उदय होता है। भक्तों को भगवान का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूरे होते हैं। मान्यता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से ही सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है।