दिल्ली सरकार खोलेगी करियर केंद्र, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को मिलेगा रोजगार

दिल्ली सरकार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार देने के लिए करियर केंद्र खोलेगी। नियोक्ता और नौकरी ढूंढने वालों को एक साथ जोड़ने का काम करेंगे ये केंद्र।

दिल्ली सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार जल्द ही राजधानी में करियर केंद्रों की शुरुआत करेगी, जिनके माध्यम से नियोक्ताओं और नौकरी की तलाश कर रहे मजदूरों को एक साझा मंच पर जोड़ा जाएगा। जब तक ये करियर केंद्र अस्तित्व में नहीं आ जाते, तब तक वर्तमान रोजगार कार्यालयों को ही करियर केंद्र माना जाएगा।

असंगठित क्षेत्र के 40 लाख मजदूर होंगे लाभार्थी- दिल्ली सरकार

दिल्ली के असंगठित क्षेत्र में लगभग 40 लाख मजदूर कार्यरत हैं। ये मजदूर निर्माण स्थलों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों को अक्सर रोजगार, वेतन, सुरक्षा और सामाजिक लाभ को लेकर अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार ने इसी स्थिति को सुधारने के लिए समाजिक सुरक्षा नियमों में बदलाव करते हुए एक नया मसौदा तैयार किया है।

करियर केंद्र का उद्देश्य

करियर केंद्रों का मुख्य उद्देश्य नियोक्ताओं और नौकरी तलाशने वालों को जोड़ना है। इसके तहत:

सामाजिक सुरक्षा कोष का गठन

दिल्ली सरकार द्वारा एक “दिल्ली सामाजिक सुरक्षा कोष” भी बनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठानों, कंपनियों और सरकारी संस्थाओं पर लगाए गए जुर्माने की राशि जमा की जाएगी। इस कोष का उपयोग असंगठित मजदूरों की आर्थिक मदद के लिए किया जाएगा। यह कोष मजदूरों के लिए संकट के समय सहारा बनकर उभरेगा।

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दिल्ली असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन

श्रम विभाग जल्द ही दिल्ली असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का भी गठन करेगा। यह बोर्ड असंगठित क्षेत्र के कामगारों की समस्याओं, शिकायतों और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े मामलों की निगरानी करेगा। बोर्ड में शामिल होंगे:

शिक्षा और रोजगार को जोड़ती नई पहल

इस बीच, दिल्ली के रोहिणी स्थित सर्वोदय विद्यालय में व्यावसायिक प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया गया। इस मौके पर दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि पिछले सत्र में 4.2 लाख छात्रों ने सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को अपनाया। मंत्री सूद ने इसे सरकारी शिक्षा प्रणाली की बड़ी सफलता बताया और कहा कि अब कौशल आधारित शिक्षा मुख्यधारा में आ गई है।

ड्राइव में लगभग 30 प्रतिष्ठित कंपनियों ने भाग लिया और छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान किए। सरकार का लक्ष्य है कि छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ रोजगारपरक शिक्षा भी दी जाए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

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