दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और गुरुवार सुबह इसे खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर 205.44 मीटर पर दर्ज किया गया। इस तेजी से बढ़ते जलस्तर को लेकर राजधानी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। खासतौर पर आईटीओ, कश्मीरी गेट, पल्ला क्षेत्र और यमुना के किनारे बसे अन्य निचले इलाकों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और राहत कार्यों को तेज कर दिया है।
बारिश और हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। हर घंटे हथनीकुंड से लगभग 41 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, वहीं दिल्ली के वजीराबाद बैराज से 56 हजार और ओखला बैराज से 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे जलस्तर में और वृद्धि की संभावना है।
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प्रशासन ने नदी के किनारे बसे इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और यमुना के आसपास न जाने की सख्त हिदायत दी है। साथ ही, दिल्ली बोट क्लब में 40 नावें और गोताखोरों की टीमें तैनात की गई हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत बचाव कार्य किया जा सके। प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री, टेंट और अन्य आवश्यक संसाधन भी पहुंचाए जा रहे हैं।
2023 में भी यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका था, जिससे राजधानी के कई इलाके जलमग्न हो गए थे और हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए थे। इस बार प्रशासन ने पिछले अनुभवों से सीख लेकर पहले से ही तैयारी कर ली है।
मौसम विभाग ने उत्तर भारत और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे अगले 2-3 दिनों में यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें, केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।
दिल्ली में आने वाले 48 घंटे काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, क्योंकि जलस्तर में और वृद्धि से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है। प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया के लिए तैयार है। जनता से भी सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।
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