सरहद पार से देश की बहू बनकर आई शमीम परवीन ने लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लिया। उन्होंने देश की तरक्की और खुशहाली के लिए दूसरे चरण में अपना पहला वोट डाला, पड़ोसी पाकिस्तान की इस बेटी को करीब 25 साल के लंबे इंतजार के बाद मत देने का अधिकार प्राप्त हुआ है।
हसबैंड के साथ पहुंचीं मतदान केंद्र
सोमवार को नगर के मोहल्ला किला के रहने वाली शमीम परवीन अपने हसबैंड असलम खान के साथ इस्लामिया इंटर कालेज में बने बूथ पर वोट डालने पहुंचीं। उन्होंने पहली बार मतदान किया। बेहद खुश नजर आ रहीं शमीम परवीन ने कहा कि उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हिंदुस्तान की तरक्की और खुशहाली के लिए अपना पहला वोट डाला है। उन्होंने भारतीय नागरिकता मिलने के बाद पहली बार मतदान किया।
बोलीं-खूब तरक्की करे देश
शमीम ने कहा कि करीब 25 साल के लंबे इंतजार के बाद उन्हें देश की नागरिकता और लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल होने का मौका मिल सका है। इससे वह बेहद खुश हैं। शमीम ने कहा कि उनकी कामना है कि भारत खूब तरक्की करे। इसलिए उन्होंने शिक्षा, सुरक्षा और खुशहाली को ध्यान में रखते हुए अपना पहला वोट दिया है। रजापुर में ईवीएम की खराबी के कारण एक बूथ पर कुछ देर के लिए मतदान बाधित हुआ। तभी पीठासीन अधिकारी ने मशीन बदलकर मतदान पुन: चालू करा दिया। एडीएमई और एसपी ट्रैफिक ने कस्बे में मतदेय स्थल का निरीक्षण किया। कस्बे सहित गंदेवड़ा, भैंसराउ और नानका आदि कई गांवों में अनेक मतदाताओं को उस समय निराशा हाथ लगी जब मतदाता सूची में नाम न होने के कारण वह अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके। आसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने एएचपी इंटर कालेज पहुंचकर अपना वोट डाला।