मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीवाली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर खुशी जताई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीवाली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर खुशी जताई, इसे भारत की सांस्कृतिक धरोहर और अयोध्या की आध्यात्मिक महत्वता का वैश्विक सम्मान बताया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीवाली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर गर्व और खुशी व्यक्त की। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मान बताया, जो भारत की बढ़ती सांस्कृतिक प्रतिष्ठा का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी सांस्कृतिक उपस्थिति को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया है, और यह उपलब्धि उस दिशा में एक और अहम कदम है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस निर्णय को ‘अंधकार पर प्रकाश की विजय और नए आरंभ के प्रतीक’ के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान दीवाली के वैश्विक महत्व को स्वीकार करता है, जो न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रबल करता है, बल्कि इसे दुनिया के सामने प्रस्तुत करता है। उत्तर प्रदेश के लिए यह सम्मान खास तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि अयोध्या, प्रभु श्रीराम की पावन भूमि है, जहां दीवाली के पहले ऐतिहासिक उत्सव की परंपरा शुरू हुई थी।

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सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय परंपराओं की आत्मा है। दीवाली के वैश्विक सम्मान से अयोध्या का आध्यात्मिक महत्व और भी प्रखर हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व स्तर पर सांस्कृतिक उपस्थिति को मजबूती से स्थापित किया है। भारत की परंपराओं और उत्सवों को विश्व समुदाय द्वारा स्वीकार किया जाना एक सकारात्मक संकेत है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि दीवाली केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है, जो मानवता को सत्य और सद्भाव के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

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