बिजनेस डेस्क। ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) अगले महीने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर अपनी ब्याज दरों की घोषणा करेगा और संगठन के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। बैठक मार्च में गुवाहाटी में होगी जहां ब्याज दरों के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। ईपीएफओ ब्याज दरों के बारे में जानने के लिए यहां महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं।
इन पांच बातों का रखें ध्यान
1. EPF कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत एक अनिवार्य बचत योजना है। इसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तत्वावधान में प्रबंधित किया जाता है। इसमें हर उस प्रतिष्ठान को शामिल किया गया है जिसमें 20 या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं।
2. कर्मचारी को भविष्य निधि के लिए एक निश्चित अंशदान का भुगतान करना होता है और उतनी ही राशि का भुगतान नियोक्ता द्वारा मासिक आधार पर किया जाता है। रिटायरमेंट के अंत में या सेवा के दौरान (कुछ परिस्थितियों में), कर्मचारी को पीएफ योगदान पर ब्याज सहित एकमुश्त राशि मिलती है जो अर्जित हो जाती है।
3. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी, जो ईपीएफओ के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाला निकाय है, ब्याज दरों पर एक कॉल लेता है, जिसे हर साल भविष्य निधि जमा पर प्रदान किया जाना है।
4. एक बार जब सीबीटी एक वित्तीय वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर तय कर लेता है, तो इसे वित्त मंत्रालय को सहमति के लिए भेजा जाता है।
5. EPFO सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से इसकी पुष्टि करने के बाद ही ब्याज दर प्रदान करता है।
कुछ फैट्स एंड फिगर्स
– पिछले साल, जमा पर ब्याज दरें 8.5% निर्धारित की गई हैं और चालू वित्त वर्ष की दरें वर्ष के लिए आय अनुमानों पर निर्भर करेंगी।
– सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2017 से नवंबर 2021 की अवधि के दौरान लगभग 4.9 करोड़ नए ग्राहक कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना में शामिल हुए।
– मार्च 2020 में, ईपीएफओ ने 2018-19 के लिए प्रदान किए गए 8.65 फीसदी से 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को सात साल के निचले स्तर 8.5 फीसदी तक कम कर दिया था।
– 2019-20 के लिए प्रदान की गई ईपीएफ ब्याज दर 2012-13 के बाद से सबसे कम थी, जब इसे घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया गया था।
– ईपीएफओ ने 2016-17 में अपने ग्राहकों को 8.65 फीसदी और 2017-18 में 8.55 फीसदी ब्याज दर मुहैया कराई थी। 2015-16 में ब्याज दर 8.8 फीसदी से थोड़ी अधिक थी।
– 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में 8.75 फीसदी ब्याज दर दी थी, जो 2012-13 के 8.5 फीसदी से अधिक है।
– 2011-12 में भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.25 फीसदी थी।