उत्तर प्रदेश सरकार नई निर्यात नीति-2030 लाएगी, जिसमें स्पेन, इटली, मलेशिया जैसे देशों में निर्यात बढ़ाने, अनुदान व डिजिटल सुविधा का प्रावधान होगा।
निर्यात नीति: बदलते वैश्विक व्यापार परिदृश्य और लगातार बढ़ती ट्रेड वॉर की स्थिति के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश अमेरिका के अलावा स्पेन, इटली, मलेशिया, ब्राज़ील जैसे नए वैश्विक बाजारों में निर्यात बढ़ाने की रणनीति पर काम करेगा। इसके तहत प्रदेश सरकार जल्द ही नई निर्यात प्रोत्साहन नीति-2030 लॉन्च करने जा रही है, जिसमें निर्यातकों को कई बड़े फायदे मिलेंगे।
पहली बार परियोजना लागत का 40% मिलेगा अनुदान- निर्यात नीति
इस प्रस्तावित नीति में पहली बार यह प्रावधान किया गया है कि जो निर्यातक इकाइयां स्थापित होंगी, उन्हें उनकी परियोजना लागत का 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान के जरिए नए निर्यातकों को प्रोत्साहित करने और मौजूदा यूनिट्स को विस्तार देने की योजना बनाई गई है।
अमेरिका से आगे बढ़कर नए देशों में होगा एक्सपोर्ट
अब तक उत्तर प्रदेश का निर्यात मुख्य रूप से अमेरिका, यूके और जर्मनी जैसे पारंपरिक बाजारों तक सीमित रहा है। लेकिन वर्ष 2024-25 में स्पेन (₹6344 करोड़), इटली (₹5926 करोड़) और मलेशिया (₹3500 करोड़) जैसे देशों से आए डाटा के अनुसार ये देश भी उत्तर प्रदेश के लिए मजबूत निर्यात गंतव्य बनते जा रहे हैं।
यूपी का लक्ष्य: 50% निर्यात वृद्धि, सेवा क्षेत्र पर विशेष ध्यान
नई नीति के तहत अगले 5 वर्षों में यूपी के निर्यात में 50% तक की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से प्रोत्साहन और सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही चिकित्सा पर्यटन, आतिथ्य सेवा, ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और उच्च शिक्षा जैसे सेवा क्षेत्रों को भी निर्यात नीति में शामिल किया गया है। सॉफ्टवेयर निर्यात पहले से ही यूपी में सक्रिय है, अब सेवा क्षेत्र में नई संभावनाओं का दोहन किया जाएगा।
‘ईज ऑफ डूइंग एक्सपोर्ट’ और डिजिटल समाधान
प्रदेश में अब ‘ईज ऑफ डूइंग एक्सपोर्ट’ की अवधारणा लागू की जाएगी, जो ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की तर्ज पर होगी। इसके अंतर्गत: डिजिटल इन्फॉर्मेशन हब, मार्केट रिसर्च टूल्स, वन स्टॉप एक्सपोर्ट पोर्टल, ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया मार्केटिंग और डिजिटल कैटलॉगिंग पर इंसेंटिव, परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) भी पहली बार निर्यात से जोड़ा जाएगा।
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एमएसएमई सेक्टर में बढ़ेगा निर्यात
औद्योगिक विकास विभाग के सचिव प्रांजल यादव के अनुसार, “देश के कुल निर्यात में उत्तर प्रदेश का योगदान पांचवें स्थान पर है। अब इसे और बढ़ाने के लिए नीति में विविधीकरण पर जोर दिया जाएगा, खासकर एमएसएमई सेक्टर में।”
विशेषज्ञों के सुझाव: ब्याज सब्सिडी और लॉजिस्टिक्स सहायता जरूरी
एसोचैम के सह अध्यक्ष हसन याकुब ने सुझाव दिया कि निर्यातकों को ब्याज सब्सिडी, मार्केट एक्सपेंशन ग्रांट और लॉजिस्टिक्स सहायता दी जानी चाहिए, ताकि वे नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच सकें। “उत्तर प्रदेश अपनी समृद्ध परंपरा और औद्योगिक क्षमता के साथ इस चुनौती को अवसर में बदल सकता है।”
2027 तक 10,000 निर्यातकों को मिलेगा प्रशिक्षण
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने सरकार को सुझाव दिया है कि 2027 तक 10,000 निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षण दिया जाए। पहले चरण में मुरादाबाद, वाराणसी, कानपुर, गौतमबुद्धनगर और सहारनपुर जैसे औद्योगिक जिलों में ट्रेनिंग शुरू की जाएगी।
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