गाजीपुर लैंडफिल का कूड़े का पहाड़ 2027 तक खत्म होगा। MCD स्थायी समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा ने निरीक्षण कर बायोमाइनिंग और वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट की प्रगति देखी। परियोजना से दिल्ली में स्वच्छता और ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा।
दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने गाजीपुर लैंडफिल साइट का निरीक्षण कर परियोजना की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को कूड़े के पहाड़ को जल्द खत्म करने के लिए काम में तेजी लाने और आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के स्पष्ट निर्देश दिए। निगम का लक्ष्य है कि 2027 के अंत तक गाजीपुर लैंडफिल साइट से कूड़े का पहाड़ पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए।
बायोमाइनिंग कार्य में तेजी
सत्या शर्मा ने बताया कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बायोमाइनिंग का दूसरा चरण फिलहाल जारी है। इसके पूरा होने के बाद तीसरे चरण का काम शुरू होगा। इस प्रक्रिया में अतिरिक्त मशीनें लगाई जाएंगी और नवीनतम तकनीक के माध्यम से कूड़े के निस्तारण को और प्रभावी बनाया जाएगा।
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वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट से होगी ऊर्जा उत्पादन
अध्यक्ष ने बताया कि साइट पर एक नया वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस प्लांट से न केवल कूड़ा वैज्ञानिक तरीके से नष्ट होगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन भी संभव होगा। यह परियोजना दिल्ली की स्वच्छता और ऊर्जा उत्पादन में मील का पत्थर साबित होगी।
निरीक्षण और समयसीमा
सत्या शर्मा ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यह परियोजना 2027 तक पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में स्थायी समिति ने धरातल पर ठोस कार्य किया है और अगले महीने फिर निरीक्षण कर कार्य की प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा।
सत्या शर्मा ने कहा, “भाजपा-शासित निगम का संकल्प है कि दिल्ली के सभी लैंडफिल स्थलों को समाप्त कर राजधानी को स्वच्छ, हरित और प्रदूषणमुक्त बनाया जाए।”
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