आज यानी 3 मार्च को उत्तर प्रदेश में छठवें चरण के मतदान शुरू हो चुके हैं और इस चरण में यह तय हो जाएगा कि पूर्वांचल में कौन सी पार्टी बाजी मारने वाली है
10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों पर चल रहे छठवें चरण के इस चुनाव में एक ऐसी सीट भी है जिसे जो भी दल जीत लेता है उत्तर प्रदेश में उसकी सरकार बन जाती है और यह 1980 से लगातार होता है अब देखने वाली बात यह होगी कि यह रिकॉर्ड इस बार भी बनेगा या नहीं।
यह सीट है बस्ती जिले की महादेवा विधानसभा सीट जी हां बस्ती जिले में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं जिसमें हरैया, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदर और महादेव सीटें शामिल हैं पिछले चुनाव में यानी कि 2017 में बीजेपी ने 500 सीटों पर जीत दर्ज की थी और यहां की महादेव सीट का तो इतिहास गजब ही रहा है इस सीट को जिस दल के प्रत्याशी ने जीता है प्रदेश में उसी दल की सरकार बनती है।
महादेवा विधानसभा सीट को पहले पूर्व सीट के नाम से जाना जाता रहा लेकिन परिसीमन के बाद इसका नाम बदलकर महादेवा विधानसभा सीट हो गया 1980 में यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी अवध प्रसाद विधायक चुने गए और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी इसके बाद 1985 में कांग्रेस के ही रामजी आवन विधायक बने और प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बने 1989 में रामकरन आर्य जनता दल से जीते और प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार बने फिर 1991 में भाजपा के वेद प्रकाश चुनाव जीतकर विधायक बने और इसके साथ ही भाजपा कि सरकार उत्तर प्रदेश में बनी और भाजपा के कल्याण सिंह सीएम बने।
सन 1993 में सपा के उम्मीदवार रामकरण आज फिर चुनाव जीते और प्रदेश में सपा सरकार बनी इसके बाद 1996 में बहुजन समाजवादी पार्टी फिर 2002 में सपा के रामकरन आर्य जीते और प्रदेश में सपा सरकार बने इसके बाद 2007 में दूध राम बहुजन पार्टी के टिकट से चुनाव जीते और बसपा की सरकार बनी फिर 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और महादेवा सीट से सपा की जीत के बाद अखिलेश यादव सीएम बने फिलहाल 2017 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी रवि सोनकर जीते और प्रदेश में लंबे समय बाद भाजपा सरकार बना पाए।
ये भी पढ़ें : YouTube पर करें सिर्फ 3 मिनट काम और पाएं एक लाख रुपये महीना
रवि सोनकर भाजपा से बस्ती के सांसद रह चुके कल्पनाथ सुन कर के बैठे हैं और इन्हें राजनीति विरासत में मिली है इस बार भी इनका कड़ा मुकाबला बुधराम सही है जोकि सुभाष बा सपा का उम्मीदवार बने पिछली बार दूध राम बसपा के उम्मीदवार थे और इस सीट पर दलित मुस्लिम यादव ब्राम्हण समुदाय ही निर्णायक भूमिका में रहे यहां बसपा से लक्ष्मीचंद्र खरवार और कांग्रेस से बृजेश आर्य मुकाबले में दिख रहे हैं।