पंजाब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पेट के कीड़ों से राष्ट्रीय मुक्ति दिवस पर बच्चों को सफाई के दूत बनने का आह्वान किया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बच्चों को एलबेंडाजोल की दवाइयां वितरित की गईं।
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पटियाला के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल, त्रिपड़ी में आयोजित “पेट के कीड़ों से राष्ट्रीय मुक्ति दिवस” के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बच्चों से स्वच्छता के दूत बनने का आह्वान किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़ों से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पेट के कीड़ों से मुक्ति के लिए विशेष अभियान- डॉ. बलबीर सिंह
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि इस दिन बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा दी जा रही है, जो पेट के कीड़ों को खत्म करने में मददगार है। इसके साथ ही 14 अगस्त को “मोॉप-अप डे” भी मनाया जाएगा। पंजाब के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में लगभग 73 लाख दवाइयों का वितरण किया गया है, ताकि हर बच्चा इस पहल का लाभ उठा सके।
स्वस्थ पंजाब के लिए तंदुरुस्त बच्चे जरूरी
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार बच्चों का तंदुरुस्ती से जुड़ी जांच करवाई जा रही है, जिसमें शरीर में खून की मात्रा, कद, वजन और आंखों की रोशनी की जाँच शामिल है। उन्होंने बताया कि पेट में कीड़ों के कारण बच्चों को कई बीमारियां होती हैं, जो उनके विकास और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसलिए साल में दो बार एलबेंडाजोल की गोली देना जरूरी है।
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स्वच्छता के दूत बनें बच्चे
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने आसपास सफाई बनाए रखें और सफाई के दूत बनें। उन्होंने कहा कि जो बच्चे, शिक्षक और स्वास्थ्यकर्मी सफाई में योगदान देंगे, उन्हें विशेष सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही हर शुक्रवार को “डेंगू दिवस” भी मनाकर बच्चों में जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
पेट के कीड़ों के फैलने के कारण और बचाव
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि गंदे हाथ, नंगे पैर चलना, बिना धोए सब्जियां और दूषित पानी पेट के कीड़ों के फैलाव के मुख्य कारण हैं। इससे बच्चों में खून की कमी, पेट दर्द, कुपोषण, मानसिक और शारीरिक कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं, जो उनकी पढ़ाई और विकास को प्रभावित करती हैं। इसलिए बच्चों को हाथ धोना, नाखून काटना, खुले में शौच न करना, साफ पानी पीना और फल-सब्जियों को धोकर खाना चाहिए।
खाद्य सुरक्षा पर विशेष ध्यान
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि त्योहारों के समय राज्य भर में खाद्य सामग्री की जांच के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। पनीर, घी और मसालों में मिलावट की रोकथाम के लिए फ्लाइंग स्क्वाड और फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स वैन भी सक्रिय हैं। इसके अलावा, फूड सप्लीमेंट्स की भी जांच की जा रही है ताकि जनता को सुरक्षित खाद्य सामग्री मिल सके।
कार्डियक मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए प्रयास
डॉ. बलबीर सिंह ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग अचानक होने वाली हृदय गति रुकने से मौतों (कार्डियक डेथ) के कारणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहा है और इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में शामिल हुए गणमान्य व्यक्ति
इस मौके पर नगर निगम के मेयर कुंदन गोगिया, परिवार कल्याण विभाग के डायरेक्टर डॉ. जसमिंदर, जिला शिक्षा अधिकारी शालू मेहरा, सिविल सर्जन डॉ. जगपाल इंदर सिंह, कई अन्य सरकारी अधिकारी और मास मीडिया के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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