उत्तर प्रदेश में ई-बस खरीद को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मेड इन यूपी’ को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण, ई-बस डिपो, और सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार उठा रही है अहम कदम।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में इलेक्ट्रिक बसों (E-Buses) की खरीद को लेकर बड़ा निर्देश जारी किया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भविष्य में परिवहन विभाग द्वारा खरीदी जाने वाली ई-बसें “मेड इन यूपी” (Made in UP) यानी उत्तर प्रदेश में निर्मित होनी चाहिए। इस कदम का उद्देश्य स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना और राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
78 लाख से ज्यादा यात्रियों ने मुफ्त यात्रा का लाभ उठाया
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने माताओं-बहनों और उनके एक सहयात्री के लिए तीन दिन की निशुल्क बस यात्रा की सुविधा दी थी। इस योजना का लाभ 78 लाख से अधिक लोगों ने उठाया, जिस पर सीएम ने संतोष जताया।
परिवहन सुविधाओं में सुधार और ई-बसों को बढ़ावा
सीएम योगी ने शुक्रवार को हुई परिवहन विभाग और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) की समीक्षा बैठक में कहा कि:
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प्रदेश में बस स्टेशनों के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए।
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यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।
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इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को प्रोत्साहन दिया जाए।
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राजस्व वृद्धि के लिए निजी भागीदारी को बढ़ावा मिले।
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PPPP मॉडल पर 23 वर्ल्ड क्लास बस टर्मिनल बनेंगे
बैठक में दी गई जानकारी के अनुसार, रोडवेज राज्य में 23 बस स्टेशनों को PPP मॉडल (Public Private Partnership) के तहत विश्वस्तरीय टर्मिनलों के रूप में विकसित कर रहा है। इसके दूसरे चरण में 54 और बस स्टेशनों को शामिल किया जाएगा, जबकि 50 बस स्टेशनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
ई-बस डिपो और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
UPSRTC द्वारा राज्य के 8 प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक बस डिपो स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक डिपो में 240 किलोवाट क्षमता वाले 4 से 8 यूनिवर्सल चार्जर लगाए जाएंगे, जिससे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों को कर में भारी छूट
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक प्रदेश में 37.9 लाख से अधिक नए वाहनों का पंजीकरण हुआ है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में जून तक 11 लाख से अधिक वाहन रजिस्टर किए जा चुके हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 942 करोड़ रुपये से ज्यादा की कर और शुल्क में छूट दी है।
सड़क सुरक्षा पर मुख्यमंत्री का फोकस
राज्य में ‘नो हेलमेट – नो फ्यूल’ जैसी नीतियों को लागू कर सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आधुनिक तकनीकों और पुलिस के साथ बेहतर समन्वय की जरूरत है।
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