Varuthini Ekadashi 2025: इस कहानी को वरूथिनी एकादशी पर पढ़ें, आप शुभ लाभ प्राप्त करेंगे।

Varuthini Ekadashi 2025: हिदुओं में वरूथिनी एकादशी का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। इसलिए इस दिन पूजा के दौरान इसकी व्रतकथा पढ़ना बहुत फायदेमंद है।
Varuthini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में वरूथिनी एकादशी का व्रत बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। भक्त इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। एक वर्ष में 24 एकादशी मनाई जाती हैं। साथ ही, एक महीने में दो एकादशी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती हैं। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि, यानी 24 अप्रैल, 2025 को वरूथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
यदि आप इस एकादशी व्रत का पालन कर रहे हैं, तो इसकी कथा (Varuthini Ekadashi 2025) को पढ़ना अनिवार्य है क्योंकि इसके बिना एकादशी व्रत अधूरा माना जाता है, तो आइए यहां पढ़ते हैं।
Varuthini Ekadashi 2025 katha
एक बार नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नाम के राजा का राज हुआ करता था। वह बड़ा ही तपस्वी था। राजा तपस्या करते हुए एक बार एक जंगली भालू आया और उसके पैर चबाने लगा, लेकिन राजा तपस्या में लीन रहा। भालू राजा को घसीट कर जंगल में ले गया। भालू को देख राजा अधिक डर गया। इस दौरान उसने भगवान भगवान विष्णु से जीवन की रक्षा के लिए प्रार्थना की। उसकी पुकार सुन प्रभु वहां प्रकट हुए और भालू को मारकर राजा के प्राण बचाए।
तब तक भालू ने राजा का पैर खा लिया था। इसकी वजह वह बेहद दुखी था। राजा को इस परिस्थिति में देख भगवान विष्णु ने उसको एक उपाय बताया। प्रभु ने राजा को वरूथिनी एकादशी करने के लिए कहा।
राजा ने प्रभु की बात को मानकर वरूथिनी एकादशी व्रत किया और उसने वराह अवतार मूर्ति की पूजा की। इसके बाद इस व्रत के प्रभाव से राजा फिर से सुंदर शरीर वाला हो गया। मृत्यु के पश्चात उसे स्वर्ग की प्राप्ति हुई। इसी तरह वरूथिनी एकादशी की शुरुआत हुई।