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Lata Mangeshkar का करियर परवान नहीं चढ़ता अगर नूरजहां पाकिस्तान नहीं जातीं।

Lata Mangeshkar

Lata Mangeshkar: 28 सितंबर 1929।इस दिन इंदौर के एक सिख मोहल्ले में एक ऐसी बच्ची ने जन्म लिया, जिसने देश और दुनिया भर में संगीत की दुनिया में परचम लहराया और कई सम्मान जीते। यह स्वर कोकिला लता मंगेशकर की 94वीं जन्मदिन था। लता जी की आवाज बहुत दुर्लभ है। लेकिन इसी आवाज ने लता मंगेशकर को कभी ताने भी सुनाए थे। लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली आवाज में पच्चीस हजार से अधिक गाने गाए, जो उन तानों को रोक नहीं पाए। लता मंगेशकर को माना जाता है कि ऐसा कोई दूसरा नहीं हुआ है और कभी नहीं होगा। पर एक गायिका थीं, जो लता जी को

नूर जहां और स्वर कोकिला की कहानी जानिए Lata Mangeshkar की 94वीं जन्मदिन पर। Noor Jahan को लता मंगेशकर बहुत पसंद था। उन्होंने यह भी कहा कि लता मंगेशकर एक दिन बड़ी सिंगर बन जाएगी। पर नूर जहां को लता मंगेशकर की कड़ी प्रतिद्वंदी माना गया था।

पाकिस्तान चली गईं नूर जहां, लता जी को मिला स्टारडम

Lata Mangeshkar: पाकिस्तान की मल्लिका-ए-तरन्नुम, नूरजहां, कभी भारत में अपनी मधुर आवाज से लोगों को मोहित करती थीं। हर कोई उनकी आवाज का सम्मान करता था। माना जाता है कि अगर भारत-पाकिस्तान का बंटवारा नहीं हुआ होता, तो नूर पाकिस्तान नहीं जाती और लता मंगेशकर इतनी सफलता नहीं देखती थीं। लता मंगेशकर और नूर जहां की तुलना हमेशा की जाती थी। उनके बीच हिंसक संघर्ष हुआ। लता मंगेशकर ने मराठी फिल्मों में गाना शुरू किया, तब तक नूर जहां काफी प्रसिद्ध हो चुकी थीं। उसकी आकृति बड़ी थी। लता मंगेशकर खुद भी उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानती थीं।

लता ने नूर जहां से कहा कि एक दिन बड़ी सिंगर बनोगी।

जहां भी नूर लता मंगेशकर की आवाज की प्रशंसक थीं। उन्हें एक बार चौदह वर्ष की लता ने देखा और कहा कि वह एक दिन बड़ी सिंगर बन जाएगी। यह बंटवारे के बाद पाकिस्तान चली गई और फिर भारत आई। तब छोटी सी लता को कहा गया था कि जहां भी हो, नूर को गाना गाएं। लता की आवाज से नूर जहां फिदा हो गए।

गाते हुए, मजबूरी में काम करते हुए

13 वर्ष की उम्र में Lata Mangeshkar ने गाना और एक्टिंग करना शुरू कर दिया था। पिता का निधन 13 साल की उम्र में हुआ था। ऐसे में लता मंगेशकर को फिल्मों में एक्टिंग और गाने का काम करना पड़ा। लता मंगेशकर ने शुरुआत में कुछ फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें यह पसंद नहीं था। लता मंगेशकर ने जब फिल्मों में गाना और एक्टिंग करना शुरू किया, तो उन्हें खूब ताने भी सुनने पड़े।

रिश्तेदारों के ताने: ये बातें लड़की को पिता का नाम बदनाम कर देंगी।

लता मंगेशकर के चाचा और अन्य परिजनों ने उनसे गुस्सा किया और कहा कि ये लड़की अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर का नाम बदनाम करेगी और उसे मिट्टी में मिला देगी। लता मंगेशकर ने उन तानों को अपनी यात्रा में बाधा नहीं बनने दिया। 13 वर्ष की उम्र में लता मंगेशकर ने गायन करना शुरू किया और आठ दशक से अधिक समय तक गाने गाती रहीं।

एक थी मल्लिका-ए-तरन्नुम, एक स्वर कोकिला

शायद ही कोई सम्मान Lata Mangeshkar को नहीं दिया गया होगा। वहाँ भी, नूर अपने समय की महान गायिका थीं। लता को भारत की स्वर कोकिला कहते हैं, तो नूर को पाकिस्तान की मल्लिका-ए-तरन्नुम कहते हैं। नूर जहां पाकिस्तानी सिनेमा के इतिहास में सबसे अधिक फिल्मी गानों को आवाज देने का रिकॉर्ड है, अहमद रुश्दी के साथ।

 

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