स्पेस टेक्नोलॉजी में बड़ा कदम, स्पेस टैक पॉलिसी 2025 का ड्राफ्ट जारी

मध्यप्रदेश स्पेस टैक पॉलिसी 2025 का ड्राफ्ट जारी, राज्य को भारत का अगला स्पेस टेक हब बनाने का लक्ष्य। कृषि, जल प्रबंधन, आपदा नियंत्रण में अंतरिक्ष तकनीक का उपयोग बढ़ेगा। 

मध्यप्रदेश सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए मध्यप्रदेश स्पेस टैक पॉलिसी 2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इस नीति का उद्देश्य प्रदेश को भारत का अगला प्रमुख स्पेस टेक्नोलॉजी हब बनाना और वैश्विक स्पेस इकॉनमी में मध्यप्रदेश की भागीदारी बढ़ाना है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजन के अनुसार, राज्य में विकसित स्पेस टेक्नोलॉजी ईकोसिस्टम सामाजिक और आर्थिक विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। पॉलिसी में अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग को कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और सुशासन जैसे क्षेत्रों में बढ़ावा दिया जाएगा।

नीति के प्रमुख बिंदु

स्पेस टैक पॉलिसी तीन स्तरों में विभाजित है:

प्रदेश के तकनीकी संस्थान जैसे IIT इंदौर, IISER भोपाल और RRCAT इंदौर इस क्षेत्र को मजबूत बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। IIT इंदौर देश का एकमात्र संस्थान है जो स्पेस साइंस में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम संचालित करता है।

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स्टार्टअप्स और नवाचार को मिलेगा बल

नीति में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए 200 करोड़ रुपये का स्पेस टेक वेंचर फंड, प्रोटोटाइप ग्रांट, आईपी रिइम्बर्समेंट, और इनक्यूबेशन सपोर्ट जैसे प्रावधान शामिल हैं। इसके साथ ही, स्किल डेवलपमेंट, प्रशिक्षण और उद्योग आधारित अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।

विशेषज्ञों का सहयोग और सार्वजनिक परामर्श

नीति तैयार करने के लिए IIT इंदौर और बेंगलुरु में दो महत्वपूर्ण कंसल्टेंसी बैठकें हुईं, जिनमें इसरो, डीआरडीओ, बीईएल, शिक्षाविद और उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने भाग लिया। अब राज्य सरकार ने इस ड्राफ्ट को सार्वजनिक कर सभी से सुझाव आमंत्रित किए हैं।

मुख्यमंत्री और अतिरिक्त मुख्य सचिव के विचार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “मध्यप्रदेश को भारत का स्पेस टेक्नोलॉजी हब बनाना हमारा लक्ष्य है। यह नीति प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभाएगी।” वहीं, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजय दुबे ने बताया, “स्पेस टेक अब केवल रॉकेट और सैटेलाइट तक सीमित नहीं, यह कृषि, आपदा प्रबंधन और शहरी नियोजन जैसे क्षेत्रों में भी क्रांति ला रहा है।”

जनता से अनुरोध

मध्यप्रदेश सरकार सभी नागरिकों, स्टार्टअप्स, उद्योग जगत और शिक्षाविदों से अनुरोध करती है कि वे नीति ड्राफ्ट पढ़कर अपने सुझाव जल्द से जल्द साझा करें। यह नीति प्रदेश की तकनीकी उन्नति के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

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