पौष अमावस्या 2025: जानें शुभ मुहूर्त, तिथि और पितृ प्रसन्नता के लिए जरूरी स्नान-दान, तर्पण और पिंडदान के उपाय। इस दिन करें धार्मिक कार्य और प्राप्त करें सुख, शांति और समृद्धि।
Paush Amavasya 2025: हिंदू पंचांग में अमावस्या का विशेष महत्व है और पौष अमावस्या इसे और भी पवित्र बनाती है। इस दिन स्नान-दान, तर्पण और पिंडदान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और पुण्य का लाभ कई गुना बढ़ जाता है। इस साल पौष अमावस्या 19 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।
पौष अमावस्या 2025 का तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 19 फरवरी को सुबह 4:59 बजे से शुरू होकर 20 फरवरी को सुबह 7:12 बजे समाप्त होगी। स्नान-दान के लिए ब्राह्म मुहूर्त सुबह 5:19 बजे से 6:14 बजे तक उत्तम रहेगा। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:58 बजे से दोपहर 12:01 बजे तक और अमृत काल सुबह 9:43 बजे से 11:01 बजे तक रहेगा। इन मुहूर्तों में किए गए धार्मिक कर्म अत्यंत फलदायक माने जाते हैं।
इस दिन बन रहे हैं शुभ संयोग
पौष अमावस्या 2025 शुक्रवार के दिन पड़ रही है, जो माता लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इसके साथ ही सूर्य और चंद्रमा का एक ही राशि में होना इसे और भी विशेष बनाता है। इन ज्योतिषीय योगों के चलते इस दिन तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करना अत्यंत शुभ माना गया है।
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पौष अमावस्या पर करें ये काम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं। ऐसे में इस दिन निम्नलिखित कार्य करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों पर आशीर्वाद बरसाते हैं:
स्नान और दान: गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान और दान करना पुण्यकारी है।
तर्पण: पितरों के तर्पण से उनका आशीर्वाद मिलता है।
पिंडदान और श्राद्ध: पिंडदान और श्राद्ध करने से पितृ संतुष्ट होते हैं और वंशजों की खुशहाली बढ़ती है।
पितृ प्रसन्नता का महत्व
अमावस्या के दिन पितृ प्रसन्न होने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। इस दिन किए गए धार्मिक कर्म घर में सौभाग्य और ऐश्वर्य लाते हैं।
इस साल पौष अमावस्या पर स्नान-दान और पितृ तर्पण करने का विशेष महत्व है। ज्योतिषीय योग और शुक्रवार का संयोग इसे और भी लाभकारी बनाता है। इसलिए इस दिन शुभ मुहूर्त में धार्मिक कार्य करना अत्यंत लाभकारी रहेगा।
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