पीएम मोदी ने टोक्यो में भारत-जापान शिखर सम्मेलन में चंद्रयान 5 में NASA और JAXA के सहयोग की घोषणा की। दोनों देशों ने निवेश और तकनीक में साझेदारी को मजबूत करने का भी संकल्प लिया।
टोक्यो में आयोजित 15वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने भारत-जापान की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को एक नए मुकाम पर ले जाने की घोषणा की। दोनों नेताओं ने निवेश, व्यापार, तकनीक और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
भारत-जापान साझेदारी का नया अध्याय
पीएम मोदी ने बताया कि भारत और जापान ने अगले दशक के लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें निवेश, नवाचार, आर्थिक सुरक्षा, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने जापान से भारत में अगले 10 वर्षों में 10 ट्रिलियन येन के निवेश का लक्ष्य रखा है।
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चंद्रयान 5 मिशन में जापान और अमेरिका के साथ सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि चंद्रयान 5 मिशन में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO, जापान की JAXA और अमेरिका की NASA के बीच सहयोग होगा। यह मिशन तकनीकी साझेदारी का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है जो दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक और अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में गहरा तालमेल दर्शाता है।
आर्थिक और तकनीकी सहयोग में तेजी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान डिजिटल साझेदारी 2.0, एआई सहयोग पहल, सेमीकंडक्टर उत्पादन, दुर्लभ मृदा खनिज और हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रहे हैं। इसके अलावा, ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के तहत जापानी कंपनियों को भारत में निवेश और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मानव संसाधन आदान-प्रदान और सांस्कृतिक संबंध
दोनों देशों ने अगले 5 वर्षों में 5 लाख मानव संसाधनों के आदान-प्रदान का लक्ष्य रखा है, जिसमें 50 हजार कुशल भारतीय जापान की अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे। यह साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि शिक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा।
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