पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के युवा अब नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे। स्कूल ऑफ एमिनेंस से शिक्षा क्रांति की नई शुरुआत।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है कि राज्य सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य ऐसा सिस्टम बनाना है, जहां पंजाब के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने में सक्षम बनें।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान शुक्रवार को मोरिंडा स्थित शहीद सूबेदार मेवा सिंह स्कूल ऑफ एमिनेंस में विद्यार्थियों से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्कूलों को ‘आधुनिक युग का मंदिर’ बताते हुए कहा कि ये संस्थान विद्यार्थियों के भविष्य को नई दिशा दे रहे हैं।
पंजाब में शिक्षा क्रांति की नई शुरुआत
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि वर्ष 2022 में राज्य सरकार ने “शिक्षा क्रांति (Education Revolution)” की शुरुआत की थी, ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। उन्होंने कहा कि पहले की गलत नीतियों ने गरीब बच्चों को शिक्षा से दूर कर दिया था, लेकिन अब राज्य सरकार शिक्षा के हर स्तर पर सुधार ला रही है।
118 स्कूल ऑफ एमिनेंस बन रहे बदलाव की मिसाल
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बताया कि पंजाब में कुल 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस (School of Eminence) स्थापित किए जा रहे हैं, जिन पर अब तक ₹231.74 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इन स्कूलों को गरीब बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया गया है।
इन स्कूलों में विद्यार्थियों को मुफ्त यूनिफॉर्म, लड़कियों के लिए फ्री बस सेवा, और कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स (NEET, JEE, CLAT, NIFT) की तैयारी के लिए विशेष कोचिंग दी जा रही है।
सरकारी स्कूलों की बढ़ती लोकप्रियता
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज यह गर्व की बात है कि निजी स्कूलों के विद्यार्थी भी सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं, जो शिक्षा मॉडल की सफलता का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि स्कूल ऑफ एमिनेंस और अन्य सरकारी स्कूलों के —
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265 विद्यार्थियों ने JEE Mains,
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44 विद्यार्थियों ने JEE Advanced, और
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848 विद्यार्थियों ने NEET परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
मेंटरशिप और पी.टी.एम. से जुड़ाव बढ़ा
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आगे बताया कि “स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम” के तहत वरिष्ठ अधिकारी सरकारी स्कूलों के छात्रों को मार्गदर्शन दे रहे हैं। इसके साथ ही अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) को भी शानदार रिस्पॉन्स मिला है — अब तक 19,200 सरकारी स्कूलों में करीब 25 लाख अभिभावक भाग ले चुके हैं।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही असली लक्ष्य
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरकार का मकसद सरकारी और निजी स्कूलों के बीच की खाई को खत्म कर गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार युवाओं को सही दिशा देने, उनकी ऊर्जा का सदुपयोग करने और उन्हें रोजगार सृजन में सक्षम बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
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