पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित 2300+ गांवों में राहत कार्यों के लिए ₹100 करोड़ का फंड जारी किया। ग्राम पंचायतों को मिलेगा सीधा आर्थिक सहयोग।
पंजाब सरकार ने हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास के लिए एक व्यापक राहत अभियान की शुरुआत की है। राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित 2300 से अधिक गांवों में जरूरी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना है।
हर ग्राम पंचायत को राहत कार्यों के लिए मिलेंगे सीधे फंड
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में सरकार ने 100 करोड़ रुपये का विशेष राहत फंड तैयार किया है। इसके अंतर्गत हर ग्राम पंचायत को प्रारंभिक ₹1 लाख की राशि जारी की जाएगी ताकि तत्काल कार्यों की शुरुआत हो सके। इसके अलावा: 2000 से कम आबादी वाली पंचायतों को ₹3 लाख और 2000 से अधिक आबादी वाली पंचायतों को ₹5 लाख तक की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। इस फंड का उपयोग गांवों से मिट्टी और मलबा हटाने, मृत पशुओं के सुरक्षित निस्तारण और अन्य आपातकालीन मरम्मत कार्यों के लिए किया जाएगा।
राहत कार्यों की समयसीमा तय: 24 सितंबर तक प्राथमिक कार्य पूरे करने का लक्ष्य
पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने स्पष्ट किया कि सभी कार्यों के लिए निर्धारित डेडलाइन तय की गई है, ताकि कार्य समय पर पूरे हों और ग्रामीण जीवन सामान्य हो सके:
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24 सितंबर 2025: मलबा और मिट्टी हटाने तथा पशु शवों का निस्तारण
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15 अक्टूबर 2025: सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत
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22 अक्टूबर 2025: छप्परों और आस-पास के क्षेत्रों की सफाई
स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए शुरू होगा व्यापक फॉगिंग अभियान
बाढ़ के बाद जलभराव के कारण बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। इसे रोकने के लिए सरकार ने प्रत्येक पंचायत समिति में 5 फॉगिंग मशीनें तैनात करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को भी आवश्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ग्रामीणों को त्वरित उपचार मिल सके।
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ग्राम सभा की भागीदारी से सुनिश्चित होगी पारदर्शिता
सरकार ने राहत और पुनर्वास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हर प्रभावित गांव में विशेष ग्राम सभा बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन बैठकों में: प्राथमिक कार्यों की पहचान और मंजूरी, कार्यों की पहले और बाद की फोटो रिकॉर्डिंग, कार्य पूर्ण होने के बाद खर्च की समीक्षा और ग्राम सभा से पुष्टि इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी फंड का इस्तेमाल सही दिशा में और जरूरत के अनुसार हो।
मल्टी-लेवल निगरानी तंत्र से होगा कार्यों का आकलन
सरकार ने राहत कार्यों की निगरानी के लिए ग्राम से लेकर राज्य स्तर तक की प्रणाली तैयार की है:
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ग्राम स्तरीय समितियां, सरपंचों की अगुवाई में कार्यों को अंजाम देंगी
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डिप्टी कमिश्नर (विकास) हर 15 दिन में प्रगति रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजेंगे
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राज्य मुख्यालय में विशेष मॉनिटरिंग सेल कार्यों की निगरानी करेगा
जन सहयोग से सरकार का आह्वान: NGOs और युवा क्लब आगे आएं
मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने राज्यभर के गैर-सरकारी संगठनों, युवा क्लबों और सामाजिक संगठनों से अपील की है कि वे सरकार के इस राहत अभियान में सक्रिय भागीदारी करें। उन्होंने कहा: “हम हर एक रुपये को पारदर्शिता और जरूरत के अनुसार ही खर्च करेंगे। यह पैसा सीधे गांवों और लोगों की भलाई के लिए इस्तेमाल होगा।”
पंजाब के गांवों को जल्द मिलेगा राहत और पुनर्निर्माण का सहारा
पंजाब सरकार का यह अभियान बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के जीवन को पुनः पटरी पर लाने की दिशा में एक सशक्त, संगठित और उत्तरदायी कदम है। समयबद्ध कार्य, जन भागीदारी, और प्रभावी निगरानी के साथ यह कार्यक्रम राज्य के अन्य विकास योजनाओं के लिए भी एक मॉडल उदाहरण बन सकता है।
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