पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने छात्रों की रचनात्मक सोच और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों के तहत कानूनी सुरक्षा देने वाला नया कार्यक्रम शुरू किया। जानें पूरी डिटेल।
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने छात्रों की रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा और दूरदर्शी कदम उठाया है। बोर्ड का उद्देश्य है कि अब शिक्षा केवल किताबों और परीक्षाओं तक सीमित न रहे, बल्कि छात्रों को असल जिंदगी के अनुभव, नवाचार और रचनात्मक सोच की ओर प्रेरित किया जाए। इस दिशा में बोर्ड द्वारा ‘नई पीढ़ी की शिक्षा के लिए शैक्षिक ढांचे पर पुनर्विचार’ विषय पर एक विशेष शैक्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया।
छात्रों की बौद्धिक संपदा को मिलेगा कानूनी संरक्षण
सम्मेलन के दौरान, विशेषज्ञों और शिक्षा क्षेत्र के दिग्गजों ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों के नवाचारों और आइडिया को बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के तहत कानूनी संरक्षण मिलना चाहिए। यह पहल छात्रों की मौलिक सोच, साइंस प्रोजेक्ट्स, ऐप डिवेलपमेंट, नवीन खोजों और स्टार्टअप आइडिया को सुरक्षा देने में मदद करेगी।
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह ने कहा, “हर छात्र के भीतर कुछ नया सोचने और करने की क्षमता होती है। हम चाहते हैं कि उनकी सोच को न केवल प्रोत्साहन मिले, बल्कि वह कानूनी रूप से संरक्षित भी हो, ताकि उनकी रचनात्मकता की चोरी न हो सके।”
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IPR विशेषज्ञों ने बताया प्रक्रिया
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) विशेषज्ञ डॉ. रुचि शर्मा ने छात्रों और शिक्षकों को बताया कि कैसे वे अपने प्रोजेक्ट्स, मॉडल, डिज़ाइन, ऐप्स या अन्य रचनात्मक कार्यों को पंजीकृत कराकर कानूनी अधिकार हासिल कर सकते हैं। इससे छात्रों को आईडिया चोरी होने से सुरक्षा मिलेगी और उन्हें नवाचार के लिए प्रेरणा भी मिलेगी।
PSEB का उद्देश्य: रचनात्मकता और नवाचार को मिले मंच
PSEB इस दिशा में एक सुव्यवस्थित सिस्टम तैयार करने में जुटा है, जिससे छात्रों को ऐसा वातावरण मिले जिसमें वे खुले दिमाग से सोच सकें, नई खोजें कर सकें और अपने विचारों को व्यवहारिक रूप दे सकें। बोर्ड का मानना है कि शिक्षा का असली उद्देश्य आजीवन सीखना और सृजन करना है।
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