राजस्थान में अब 1 महीने की किरायेदारी भी होगी रजिस्टर्ड, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर किरायानामों के नए नियम लागू, कानूनी सुरक्षा और सरकार का राजस्व बढ़ेगा।
राजस्थान सरकार ने किरायानामों (Rental Agreements) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के निर्देशों के तहत अब एक महीने की किरायेदारी पर भी रजिस्ट्री अनिवार्य होगी। इससे पहले केवल 11 महीने या उससे अधिक की अवधि वाले एग्रीमेंट पर रजिस्ट्री जरूरी थी। नए नियमों के लागू होने से मकान मालिक और किरायेदार दोनों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
1 महीने की किरायेदारी पर रजिस्ट्री अनिवार्य
सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान संशोधन अधिनियम-2021 में बदलाव किया गया। अब किसी भी अचल संपत्ति—चाहे मकान, फ्लैट, दुकान या जमीन—को किराए पर देने पर किरायानामा रजिस्टर्ड करवाना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि यदि रजिस्ट्री नहीं होगी, तो भविष्य में कोई कानूनी विवाद होने पर दोनों पक्षों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस
सीएम भजनलाल शर्मा ने बताया कि नए नियमों के तहत स्टाम्प ड्यूटी की दरें इस प्रकार होंगी:
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11 महीने तक की अवधि पर: 0.02%
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1 से 5 वर्ष तक: 0.10%
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5-10 वर्ष: 0.5%
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10-15 वर्ष: 1%
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20-30 वर्ष: 4%
इसके अलावा तय स्टाम्प ड्यूटी पर 20% अतिरिक्त रजिस्ट्रेशन फीस भी देनी होगी। 30 साल या उससे अधिक अवधि के एग्रीमेंट का रजिस्ट्री शुल्क सामान्य प्रॉपर्टी खरीद-बेचान के बराबर होगा।
उदाहरण: रजिस्ट्री शुल्क
मान लें कि 200 वर्गमीटर की जमीन पर बने मकान में 50 वर्गमीटर का कमरा 10 महीने के लिए किराए पर दिया गया। जमीन की कीमत 5 लाख और मकान का मूल्य 9 लाख रुपए है। कुल संपत्ति मूल्य 14 लाख रुपए होने पर:
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0.02% स्टाम्प ड्यूटी: 280 रुपए
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30% सरचार्ज: 84 रुपए
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रजिस्ट्रेशन फीस: 56 रुपए
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CSI शुल्क: 500 रुपए
कुल शुल्क: 920 रुपए
कानूनी सुरक्षा और विवाद समाधान
सीएम भजनलाल शर्मा ने बताया कि किरायानामा रजिस्ट्री का उद्देश्य मकान मालिक और किरायेदार दोनों को कानूनी सुरक्षा देना है। अब किराए की संपत्ति से जुड़े नियम, जिम्मेदारियां और अवधि लिखित रूप में सुरक्षित होंगी। विवाद की स्थिति में यह दस्तावेज अदालत में प्रमाणिक साक्ष्य के रूप में मान्य होगा।
छोटे अवधि वाले एग्रीमेंट की वैधता
नए नियम लागू होने के बाद 11 महीने का बचाव फार्मूला समाप्त हो गया है। अब छोटे अवधि वाले किरायानामा की भी कानूनी वैधता सुनिश्चित होगी। सीएम भजनलाल शर्मा ने सभी मकान मालिकों और किरायेदारों से अपील की है कि किरायानामा बनवाकर रजिस्टर्ड करवाएं, ताकि भविष्य में किसी विवाद से बचा जा सके।
