राजस्थान में CM भजनलाल शर्मा ने प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखने के लिए दो चिकित्सा अधिकारियों की सेवा समाप्त और पांच कर्मचारियों की पेंशन रोकी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रशासन में अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अहम और सख्त कदम उठाए हैं। हाल ही में हुई विभागीय जांचों के आधार पर सरकार ने दो चिकित्सा अधिकारियों की सेवा समाप्त कर दी और पांच अन्य कर्मचारियों की पेंशन रोक दी। यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि सरकारी सेवाओं में अनुशासन और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर आयुर्वेद और पशुपालन विभाग के दो चिकित्सा अधिकारियों को आपराधिक प्रकरणों में दोषी पाए जाने के बाद सेवा से पदच्युत कर दिया गया। यह कदम सरकारी सेवाओं में अनुशासन बनाए रखने और नियमों के पालन के प्रति गंभीरता दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, राजस्थान सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम, 1958 के नियम 16 के तहत चार चिकित्सकों और एक कार्मिक की पेंशन रोकी गई। यह निर्णय उन प्रकरणों में लिया गया जहां विभागीय जांच चल रही थी और गंभीर आरोप पाए गए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी।
नियम 16 के अंतर्गत दो अन्य प्रकरणों के निष्कर्ष राज्यपाल को भेजे जाएंगे, जिनमें लंबे समय से अनुपस्थित रहने और अराजकीय आचरण के आरोप शामिल हैं। यह कदम आगे की कठोर अनुशासनात्मक प्रक्रिया की ओर संकेत करता है। वहीं, नियम 17 के एक प्रकरण में अपील स्वीकार कर संबंधित अधिकारी को राहत दी गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हर मामले का निष्पक्ष मूल्यांकन किया जा रहा है।
राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रशासनिक शुचिता सरकार की प्राथमिकता है और दोषियों के खिलाफ नियमों के तहत कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। उनका यह भी कहना है कि ईमानदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
यह कार्रवाई राजस्थान में सरकारी सेवाओं में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश है और कर्मचारियों के लिए स्पष्ट संकेत देती है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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