Rajasthan News: मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविर से 11 लाख 57 हजार से अधिक लोगों ने लाभ उठाया

Rajasthan News: 15 दिसंबर से 31 जनवरी तक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर 3 हजार 219 मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविर खोले गए. इन शिविरों का उद्देश्य आम जनता को निकटतम चिकित्सा संस्थानों पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना था।

Rajasthan News: इन शिविरों में 11 लाख 57 हजार से अधिक लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य स्क्रीनिंग, उपचार के साथ आभा ई-केवाईसी, आभा कार्ड प्रदान करना, खाद्य सेम्पल लेना और खाद्य लाइसेंस देना आदि सेवाएं दी गईं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री खींवसर ने बताया कि इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविर लगाए गए। इन शिविरों में रोगियों को 37 प्रकार की स्वास्थ्य जांचें दी गईं और जिला अस्पताल में उपलब्ध दवा दी गई थी। उनका कहना था कि मरीजों को रैफर कर उपचार दिया जा रहा है अगर उन्हें सर्जरी या आवश्यक उपचार की जरूरत है। फोलोअप एवं रैफरल शिविरों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी सुविधा उपलब्ध है एवं दिव्यांगजनों का यूडीआईडी कार्ड बनाया जा रहा है।

5 लाख से अधिक लोगों ने मधुमेह की जांच की, 62 हजार पॉजिटिव पाए गए—

प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि इन शिविरों के माध्यम से विभिन्न रोगों से पीड़ित लोगों को चिन्हित किया जा सकता है। इन शिविरों में 12 लाख 82 हजार से अधिक लोग डेढ़ महीने तक रहे। इनमें 30 वर्ष से अधिक उम्र के 5 लाख से अधिक मरीजों में से 62 हजार से अधिक मधुमेह पॉजिटिव पाए गए। इसी तरह, इस आयु वर्ग के 5 लाख 25 हजार से अधिक मरीजों की बीपी स्क्रीनिंग में 68 हजार से अधिक लोगों को बीपी संबंधी समस्याओं का पता चला है।

4 लाख 50 हजार से अधिक लोगों ने कैंसर की जांच की, 8 हजार संभावित रोगी पाए गए—

श्रीमती राठौड़ ने बताया कि 2 लाख 73 हजार से अधिक लोगों की ओरल कैंसर जांच में 5299, 1 लाख 17 हजार 409 महिलाओं की ब्रेस्ट कैंसर जांच में 1799, और लगभग 60 हजार मरीजों की सर्वाइकल कैंसर जांच में 912 संभावित सर्वाइकल कैंसर रोगी मिले हैं। उनका कहना था कि 1 लाख 39 हजार मरीजों के नाक, कान तथा गला संबंधी रोगों की जांच में 35 हजार से अधिक संभावित रोगी पाए गए हैं, जबकि 1 लाख 36 हजार मरीजों के दंत और मुंह की बीमारी की जांच में करीब 40 हजार संभावित रोगी पाए गए हैं।

16 हजार गर्भवती को टीकाकरण करने के साथ-साथ 4500 को चश्मे भी दिए गए—

शिविरों में 44 हजार से अधिक गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच की गई और 16 हजार से अधिक गर्भवतियों को टीका लगाया गया, डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, निदेशक जनस्वास्थ्य। 1 लाख 32 हजार से अधिक योग्य दम्पत्तियों को परिवार कल्याण सुविधाएं दी गईं। उनका कहना था कि मोतियाबिंद के 31 से अधिक मरीजों और रिफ्रेक्टिव एरर के 38,875 मरीजों को आवश्यक उपचार दिया गया है। साथ ही, लगभग 4,500 लोगों को चश्मे मुफ्त में दिए गए हैं।

81 हजार टीबी स्क्रीनिंग, 1500 से अधिक पॉजिटिव पाए गए—

निदेशक जनस्वास्थ्य ने बताया कि 81,774 लोगों की जांच की गई, जिसमें 1,518 टीबी पॉजिटिव पाए गए। वे बताते हैं कि शिविरों में निक्षय पोषण योजना से 8,651 रोगी लाभान्वित हुए हैं। 30,818 लोगों को कुष्ठरोग की जांच की गई। विभिन्न रोगों से पीड़ित शिविरों में 6,53,249 मरीजों को एलोपैथी और 1,89,761 मरीजों को आयुष उपचार दिया गया। टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से सुपरस्पेशिलिटी चिकित्सकीय परामर्श से 13,749 मरीजों तथा 19,847 मरीजों को स्पेशिलिटी चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया गया है।

1 लाख 68 हजार की आभा आईडी बनाई—

शिविर में 82,136 लोगों को ई-केवाईसी आभा दी गई और 60,992 लोगों को ई-केवाईसी कार्ड दिए गए। इसी प्रकार कुल 1,68,433 लोगों की आभा आईडी तैयार कर प्रिंट उपलब्ध कराए। साथ ही, 1,93,099 पुरुषों और महिलाओं ने आभा एप डाउनलोड किया। 9,253 स्वास्थ्य कर्मचारियों का एचपीआईडी तैयार किया गया था। 3,729 खाद्य सेम्पल को मौके पर मोबाइल खाद्य जांच लैब ने जांच किया। इसी तरह, 309 लाइसेंस और 906 खाद्य कारोबारियों या व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन किया गया। कैंसर वैन द्वारा 3,607 लोगों को लाभान्वित किया गया।

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