Republic Day 2022: गणतंत्र दिवस से जुड़े ये खास बातें आपके लिए जानना है जरूरी

पूरा देश गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारियों में जुटा है. इस खास दिन देशभर में अलग-अलग जगहों पर यह राष्ट्रीय पर्व मनाया जाएगा. हालांकि इसका केंद्र राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ही होगी. क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, इसलिए 26 जनवरी का यह दिन भारत के लिए अति​ महत्वपूर्ण भी है. इस दिन भारत में सविंधान लागू हुआ था और इस साल भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. ऐसे में आज हम आपको भारतीय संविधान से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी बताने जा रहे हैं, जो भारत के हर नागरिक को पता होनी चाहिए.

भारतीय संविधान सभा

दरअसल, आज हम जिस संविधान को देखते हैं, उसको तैयार करने में हमारे ​नीति नियंताओं को बहुत मेहनत करनी पड़ी थी. 9 दिसंबर 1946 को सुबह 11 बजे संविधान सभा की पहली बैठक बुलाई गई थी. इस सभा में कुछ 210 सदस्यों ने भाग लिया था. इनमें 15 महिला सदस्या भी थीं. 11 दिसंबर को 1946 को पुन: बुलाई गई संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष के रूप में चुन लिया गया. इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 13 दिसंबर 1946 को संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव सभा में प्रस्तुत किया था. 22 जनवरी 1947 को यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया.

संविधान सभा ने 1949 में 26 नवंबर को संविधान को अपना लिया.

संविधान सभा ने 1949 में 26 नवंबर को संविधान को अपना लिया. लेकिन यह लागू 26 जनवरी को ही हो सका. इसके पीछे एक वजह यह भी थी कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 में आज ही के दिन भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था. इसलिए 20 साल बाद 26 जनवरी के ही दिन संविधान लागू कर दिया गया.

मूल प्रति को संसद भवन के पुस्तकालय में नाइट्रोजन गैस चैंबर में रखा

क्योंकि उस समय प्रिंटिंग पूरी तरह से विकसित नहीं हुई थी, इसलिए भारतीय संविधान की मूल कॉपी को हाथ से बने कागज पर हाथों से ही लिखा गया. आज भी संविधान की मूल प्रति को संसद भवन के पुस्तकालय में नाइट्रोजन गैस चैंबर में रखा गया है.

भारत को स्वतंत्र राज्य बनाने में 894 दिन का समय लगा

26 जनवरी को देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर भारतीय गणतंत्र के जन्म की घोषणा की. यह बात कम ही लोग जानते हैं आजादी के बाद भारत को स्वतंत्र राज्य बनाने में 894 दिन का समय लगा था.

Exit mobile version