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Shimla में जल संकट, साल 2018 जैसे हालात, टैंकर से सप्लाई, तीसरे दिन पानी…..

Shimla Water Crisis:

Shimla जल प्रबंधन निगम कंपनी के पास मंगलवार को  20 टैंकरों की मांग मिली। वहीं, मंगलवार सुबह तक शहर की सभी पेयजल परियोजनाओं से 39.11 MLD पानी दिया गया था।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी Shimla में एक बार फिर से जल संकट है। पानी के टैंकर शिमला शहर के कई भागों में सप्लाई की जा रही हैं। शहर में पानी की सप्लाई, शिमला, लगातार सूख रही है। हालाँकि, पानी की राशनिंग की जा रही है और सप्लाई का समय भी कम किया गया है। शहर में तीसरे से चौथे दिन तक पानी आ रहा है।

जानकारी के मुताबिक,तीसरे दिन भी शिमला के संजौली में पानी आ रहा है। संजौली के चिराग ने बताया कि तीसरे या चौथे दिन पानी मिलता है। संजौली के ओम ठाकुर ने बताया कि पानी की सप्लाई का समय कम हुआ है।

शहर में मॉल रोड के आसपास भी टैंकरों से पानी दिया जा रहा है, इससे शहर में पानी की कमी का अनुमान लगाया जा सकता है। मंगलवार को शिमला जल प्रबंधन निगम कंपनी को 20 टैंकरों की मांग मिली। वहीं, मंगलवार सुबह तक शहर की सभी पेयजल परियोजनाओं से 39.11 MLD पानी दिया गया था।

जल प्रबंधन निगम के अनुसार, Shimla में गिरी नदी से पानी मिलता है, लेकिन इस बार शिमला जिले में कम बर्फ गिरी है और कम बारिश हुई है, इससे हालात 2018 में हुए जलसंकट से भी बदतर हैं।

निरंतर कम हो रहा पानी

25 मई को Shimla में  39.92 MLD पानी मिली; 26 मई को 42.8 MLD; 27 मई को 43.4 MLD; और 28 मई को 39.92 MLD। गुम्मा, गिरी, चुरट नाला, स्योग, चैड़ी और कोट ब्रांडी से पानी की सप्लाई होती है।

2018: जल संकट

2018 में राजधानी Shimla में भयानक जल सकंट हुआ। उस समय शिमला शहर के कई भागों में हड़कंप मच गया था। होटलों में पानी टैंकरों से सप्लाई करनी पड़ी थी। 2018 का जल सकंट देश और दुनिया भर में बहुत चर्चा का विषय था। शिमला और सोलन में पीने के पानी की कमी के बाद जलशक्ति विभाग ने DC को पत्र लिखकर टैंकरों को पानी देने की अनुमति मांगी है। वास्तव में, हिमाचल प्रदेश में 10,067 पेयजल परियोजनाएं हैं। इनमें से अधिकांश में पानी का लेवल घट गया है। 165 पेयजल परियोजनाओं में से 350 का पानी 80% तक सूख गया है। इन 165 प्रोजेक्ट में शिमला और सोलन की 102 पेयजल परियोजनाएं शामिल हैं|

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