Atishi को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुनने के पीछे चार महत्वपूर्ण कारण हैं

Atishi: कालकाजी सीट से विधायक आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। 09 मार्च 2023 को आतिशी पहली बार मंत्री बन गई। उन्हें मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल कैबिनेट में जगह मिली।

 Atishi News: वर्तमान दिल्ली सरकार की शिक्षा और वित्त मंत्री आतिशी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी। मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक में नेताओं को आतिशी सर्वसम्मति से चुना गया। दिलीप पांडेय ने आतिशी का नाम प्रस्ताव किया था, यह जानकारी प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने दी। अरविंद केजरीवाल ने शाम 4.30 बजे उपराज्यपाल विनय सक्सेना से मिलकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, आतिशी ने एलजी को सरकार बनाने की मांग की।

कालकाजी सीट से विधायक आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। दिल्ली की सत्ता पहले भाजपा से सुषमा स्वराज और कांग्रेस से शीला दीक्षित ने संभाली थी। 09 मार्च 2023 को आतिशी पहली बार मंत्री बन गई। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उन्हें केजरीवाल कैबिनेट में एंट्री मिली थी। उन्हें सिसोदिया की करीबी माना जाता है।

आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में विजय सिंह तोमर और तृप्ता वाही के घर में हुआ था। यद्यपि वे मूल रूप से पंजाब से हैं, वे दिल्ली में पली-बढ़ी हैं। यह राजपूत परिवार से आते हैं, लेकिन उनके पिता ने उनके नाम में मार्लेना शब्द जोड़ा। 2018 में, उन्होंने सिर्फ आतिशी नाम से अपना नाम बढ़ाया। अब हर जगह उन्हें केवल आतिशी के नाम से जाना जाता है

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की

आतिशी शुरू से ही अच्छी स्कॉलर रही हैं। आतिशी ने 2001 में स्प्रिंगडेल स्कूल पूसा रोड से स्नातक की पढ़ाई पूरी की, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से इतिहास में पहली बार मास्टर डिग्री ली। 2005 में मैग्डेलस कॉलेज से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से रोड्स स्कॉलरशिप के साथ पढ़ाई की।

आतिशी का चयन क्यों

आतिशी ने सीएम चुने जाने पर कहा कि मैं खुश हूँ, लेकिन मैं दुखी हूँ कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया। मैं आपके सभी विधायकों और दिल्ली के दो करोड़ लोगों से कहना चाहती हूँ कि दिल्ली का एक ही मुख्यमंत्री है और उसका नाम अरविंद केजरीवाल। पिछले दो वर्षों में, भाजपा ने केजरीवाल को परेशान करने और उनके खिलाफ योजना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आतिशी ने पत्रकारों को बताया कि अगले कुछ महीनों तक हमें बहुत मेहनत करनी होगी। जनता के लिए केजरीवाल ने शुरू किए गए विकास कार्यक्रमों को जारी रखना चाहिए। हमारा एकमात्र लक्ष्य है कि प्रचंड बहुमत से केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाए।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का चरित्र चेहरा बदलने से नहीं बदलेगा। केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी अभी भी दस वर्षों के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार है।

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा, ”आतिशी को शुभकामनाएं। उन्हें लोगों की समस्याएं हल करने व महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार को रोकने लिए काम करना चाहिए। आप लोगों की समस्याओं को दरकिनार नहीं कर सकती है।”

दिल्ली में सरकार बनाने के नियम

उपराज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति ने दिल्ली में नई सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नए मुख्यमंत्री के चुनाव के बाद नया कैबिनेट बनाया जाता है। प्रक्रिया के अनुसार, सीएम को पहले उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपना होता है। एलजी इसे मंजूर करता है और राष्ट्रपति को भेजता है। इसके बाद राष्ट्रपति भी इस्तीफा स्वीकार करते हैं। इसी तरह नई सरकार की शुरुआत होती है। नियमों के अनुसार, विधायक दल का नया नेता अपने सदस्यों के साथ उपराज्यपाल से मिलता है और नई सरकार बनाने का वादा करता है। इस पर पहले उपराज्यपाल की सहमति लेनी होती है और उसके बाद आखिरी मुहर राष्ट्रपति की लगती है। अंत में मुख्यमंत्री व उनकी कैबिनेट का शपथ ग्रहण होता है।

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