UP Assembly Election 2022: ​अखिलेश यादव ने क्यों उठाई थी ओपिनियन पोल पर बैन की मांग? जानें यहां

UP Assembly Election 2022: UP विधानसभा चुनाव को लेकर जारी राजनीतिक घमासान के बीच शनिवार को निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया है. निर्वाचन आयोग की ओर से यह प्रतिबंध 10 फरवरी से 7 मार्च तक लगाया गया है. निर्वाचन आयोग ने एक आदेश में कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर प्रिंट या फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर किसी भी तरह का एग्जिट पोल नहीं चलाया जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि एग्जिट पोल पर फरवरी 10 सुबह 7 बजे से मार्च 7 को शाम 6:30 बजे तक प्रतिबंध रहने वाला है. गौरतलब है ​कि समाजवादी पार्टी के मुखिया लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि ओपिनियन पोल पर बैन लगाया जाना चाहिए. अखिलेश यादव मान रहे थे कि ओपिनियन पोल से वोटर प्र​भावित हो सकते हैं

 Assembly Elections 2022: चुनाव आयोग ने 10 फरवरी से एग्‍ज‍िट पोल पर लगाई रोक, यहां सारी डिटेल

दो साल तक की जेल की सजा

यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि न तो प्रिंट मीडिया एग्जिट पोल को छापेगा और नहीं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर इसके प्रसारण की अनुमति होगी. निर्वाचन अधिकारी ने इससे आगे कहा कि अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसको दो साल तक की जेल की सजा भी सुनाई जा सकती है.उस पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

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ओपिनियन पोल पर बैन लगाया जाना जरूरी

अखिलेश यादव मान रहे थे कि ओपिनियन पोल से वोटर प्र​भावित हो सकते हैं. इसलिए इस पर बैन लगाया जाना जरूरी है. अब निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए एग्जिट पोल पर रोक लगा दी है. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी होने वाले नोटिस में बताया गया कि मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों के दौरान भी किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या फिर सर्वे के परिणामों दिखाना बैन रहेगा. इस साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिहार के कई दलों की एंट्री हो गई है. बिहार के कम से कम चार क्षेत्रीय दलों ने औपचारिक रूप से घोषणा की है कि वे उत्तर प्रदेश में गठबंधन में या अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे. इन चार क्षेत्रीय दलों में से दो बिहार में एनडीए का हिस्सा हैं.

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