यूपी में दलालों के सहारे चलने वाले अस्पतालों और पैथालॉजी पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। योगी सरकार कार्य कर रही है। CM Yogi Adityanath ने स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए निर्देश दिए हैं।
यूपी में दलालों के सहारे चलने वाले अस्पतालों और पैथालॉजी पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। CM Yogi Adityanath ने स्वास्थ्य विभाग को इसका आदेश दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके बाद प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक और सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों को जांच करने और कार्रवाई करने का आदेश दिया है। सभी मंडलीय अपर स्वास्थ्य निदेशकों को अस्पतालों की जांच करने के लिए टीमें बनाने का आदेश दिया गया है। हर महीने इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी। शासन स्तर से इसकी निरंतर निगरानी की जाएगी।
प्रदेश में अस्पतालों और जांच केंद्रों में दलालों और बिचौलियों का एक नेटवर्क है। इन दलालों को मरीजों, अस्पतालों और पैथालॉजी से धन मिलता है। गरीब मरीजों को इसका खामियाजा महंगा इलाज भुगतना पड़ता है। इस मामले में सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। CM Yogi Adityanath को भी इसकी शिकायतें कई जनप्रतिनिधियों से मिली हैं। CM Yogi Adityanath ने इसे बहुत गंभीरता से लेते हुए एजेंटों के इस जाल को तोड़ने और ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
अस्पताल-पैथालॉजी देते हैं कमीशन
विभाग ने एजेंटों के सहारे चलने वाले अस्पतालों और पैथालॉजी पर दबाव डालने का कार्यक्रम बनाया है। यह अभियान राज्य भर में ऐसे अस्पतालों की जांच करेगा। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने स्वास्थ्य महानिदेशक और सभी मंडलीय स्वास्थ्य निदेशकों को इस संबंध में आदेश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि मरीजों को राज्य के विभिन्न जिलों में कुछ अस्पतालों में दलालों ने भर्ती कराया है। संबंधित चिकित्सक, अस्पताल प्रबंधन या पैथालॉजी इन दलालों को कमीशन देते हैं। एजेंटों के माध्यम से मरीजों को भर्ती करने वाले अस्पतालों को चिन्हित किया जाएगा। ऐसे चिकित्सकों व अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
हर जिले में तीन सदस्यीय टीम जांच करेगी
इसके लिए प्रत्येक मंडलीय अपने स्वास्थ्य निदेशकों की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम बनाएगा। आवश्यकतानुसार अधिक टीमें भी बनाई जा सकती हैं। यह टीमें हर जिले के सभी महत्वपूर्ण अस्पतालों की पूरी तरह से जांच करेंगे। पैथालॉजी को दोषी ठहराया जाएगा। मंडलीय रिपोर्ट प्रत्येक महीने 25 तारीख तक महानिदेशालय को भेजी जानी चाहिए। हर महीने, सभी मंडलीय अपर निदेशक प्रमुख अस्पतालों के साथ एक बैठक करेंगे। यह मरीजों को परेशान नहीं करेंगे। वहीं स्वास्थ्य महानिदेशक को मंडलीय रिपोर्टों की समीक्षा कर अपनी सिफारिशें हर महीने 28 तारीख तक शासन को भेजनी होगी।