उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी 75 जिलों में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की मान्यता व प्रवेश प्रक्रिया की सघन जांच के आदेश दिए हैं। अनियमितता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़ रही अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा निर्णय लिया है। बाराबंकी जिले के श्रीरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में सामने आई गड़बड़ियों के बाद, अब सभी 75 जिलों में कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों की सघन जांच करवाई जाएगी।
शिक्षा संस्थानों में अनियमितता को लेकर सरकार सख्त
बाराबंकी स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में लॉ फैकल्टी समेत कई विभागों में सामने आई अनियमितताओं के बाद यह फैसला लिया गया है। सरकार का कहना है कि ऐसे मामलों को लेकर अब और ढिलाई नहीं बरती जाएगी। इसी क्रम में पूरे प्रदेश में जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
हर जिले में बनेगी विशेष जांच टीम
प्रदेश के सभी 18 मंडलों के मंडलायुक्तों को आदेश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने मंडल के जिलों के लिए विशेष जांच टीमों का गठन करें। इन टीमों में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक पुलिस विभाग का प्रतिनिधि और एक शिक्षा विभाग का अधिकारी अनिवार्य रूप से शामिल होगा। यह टीम संबंधित संस्थानों की मान्यता, कोर्स की वैधता और प्रवेश प्रक्रिया की विस्तार से जांच करेगी।
संस्थानों से लिया जाएगा शपथ पत्र
सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि जांच के दौरान हर कॉलेज या विश्वविद्यालय से शपथ पत्र लिया जाए, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि संस्थान द्वारा केवल मान्यता प्राप्त कोर्स ही संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही सभी कोर्सों की सूची और उनसे जुड़ी यूनिवर्सिटी, बोर्ड या नियामक निकाय की स्वीकृति की प्रति भी जांची जाएगी।
also read: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान: ‘बीमारू राज्य’…
अवैध कोर्स पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
यदि जांच के दौरान किसी संस्थान में बिना मान्यता कोर्स संचालित होते पाए जाते हैं, तो उन पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अंतर्गत:
-
छात्रों से लिए गए पूरे शुल्क को ब्याज सहित वापस करना होगा,
-
संस्थान की मान्यता निलंबित या रद्द की जा सकती है,
-
और जिम्मेदार अधिकारियों पर भी विभागीय कार्रवाई संभव है।
15 दिन में शासन को भेजनी होगी रिपोर्ट
सरकार ने आदेश दिया है कि जांच प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए, और प्रत्येक जिले से प्राप्त रिपोर्ट को 15 दिनों के भीतर समेकित रूप में शासन को भेजा जाए। जांच प्रक्रिया की प्रत्यक्ष निगरानी मंडलायुक्त द्वारा की जाएगी, ताकि कहीं कोई लापरवाही न हो।
छात्रों के भविष्य की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता
प्रदेश सरकार का यह कदम छात्रों को विश्वसनीय और वैध शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल फर्जी शिक्षण संस्थानों पर रोक लगेगी, बल्कि छात्रों के भविष्य को सुरक्षित और मजबूत बनाया जा सकेगा।
For English News: http://newz24india.in
Visit WhatsApp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029Vb4ZuKSLSmbVWNb1sx1x
