यूपी PWD नियम 2025 में 30 साल बाद बड़ा बदलाव, योगी सरकार ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के वित्तीय अधिकार बढ़ाने का लिया अहम फैसला।
उत्तर प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के नियमों में तीन दशकों बाद बड़े बदलाव करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागीय अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों को बढ़ाने का आदेश दिया है, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी और परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।
वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक वृद्धि
अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री को सिविल, विद्युत और यांत्रिक कार्यों के लिए वित्तीय अधिकारों की वर्तमान व्यवस्था की जानकारी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पाँच गुना तक वृद्धि करने का निर्णय लिया। इसके अनुसार:
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मुख्य अभियंता: ₹2 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ तक
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अधीक्षण अभियंता: ₹1 करोड़ से बढ़ाकर ₹5 करोड़ तक
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अधिशासी अभियंता: ₹40 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ तक
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सहायक अभियंता: टेंडर स्वीकृति और छोटे कार्यों के लिए अधिकार बढ़ाए जाएंगे
इस बदलाव से विभागीय अधिकारियों को निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता मिलेगी और उच्च स्तर पर अनुमोदन की आवश्यकता घटेगी। इससे निविदा, अनुबंध गठन और कार्यारंभ की प्रक्रिया में गति आएगी, जबकि वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता बनी रहेगी।
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पिछले 30 सालों में निर्माण लागत में वृद्धि
लोक निर्माण विभाग की बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विभागीय अधिकारियों के वित्तीय अधिकार वर्ष 1995 में निर्धारित किए गए थे। इस बीच निर्माण कार्यों की लागत में लगभग 5.52 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान लागत और परियोजनाओं की आवश्यकताओं को देखते हुए वित्तीय अधिकारों का पुनर्निर्धारण अत्यंत आवश्यक है।
सेवा संरचना और पदोन्नति नियमों में बदलाव
बैठक में यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में संशोधन किया जाएगा। संशोधन के मुख्य बिंदु:
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विद्युत और यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद शामिल
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मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या बढ़ाई गई
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नवसृजित पदों के पदोन्नति स्रोत, प्रक्रिया और वेतनमान को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया
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सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतनमान और मैट्रिक्स पे लेवल तय
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चयन समिति की संरचना को अद्यतन करके पदोन्नति और नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग राज्य की विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाता है। इसलिए नियमावली को समयानुकूल, व्यावहारिक और पारदर्शी बनाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि योग्यता, अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति व्यवस्था से विभाग की कार्यकुशलता, तकनीकी गुणवत्ता और सेवा भावना में सुधार होगा।
