क्या आप जानते हैं पूजा की शुरुआत सबसे पहले किस भगवान से करें? जानिए क्यों पहले पूजा करना शुभ माना जाता है और मंत्र क्या है।
पूजा की शुरुआत किस भगवान से करें? सनातन धर्म में भगवान की पूजा करना केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना मानी जाती है। चाहे घर हो या मंदिर, पूजा की शुरुआत एक विशेष विधि से होती है और इसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है — सबसे पहले किस भगवान को याद किया जाए। क्या आपने कभी सोचा है कि किसी भी पूजा या धार्मिक कार्य की शुरुआत किस देवता के नाम से करनी चाहिए?
पूजा की शुरुआत किस भगवान से करें?
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार किसी भी धार्मिक कार्य की शुरुआत भगवान श्रीगणेश की पूजा से ही करनी चाहिए। उन्हें विघ्नहर्ता यानी सभी बाधाओं को दूर करने वाला देवता माना गया है। यही कारण है कि गणपति बप्पा की पूजा किए बिना कोई भी शुभ काम शुरू नहीं किया जाता।
गणेश जी का विशेष महत्व:
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गणेश जी को “गणों का ईश” अर्थात् गणों का स्वामी कहा जाता है।
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उनका आह्वान करने से मन, बुद्धि और कार्य में स्थिरता आती है।
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किसी भी पूजा या संस्कार की शुरुआत में “श्री गणेशाय नमः” मंत्र का जाप किया जाता है।
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शास्त्रों में कहा गया है कि गणेश जी के स्मरण मात्र से सभी विघ्न समाप्त हो जाते हैं।
गणेश जी का प्रिय मंत्र और उसका प्रभाव
जब भी आप पूजा करें, तो यह मंत्र अवश्य पढ़ें:
“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।”
इस मंत्र के जाप से न केवल आपके दिन की शुरुआत शुभ होती है, बल्कि कार्यों में सफलता और जीवन में समृद्धि भी आती है।
शादी, गृह प्रवेश, व्रत, या कोई नया कार्य – सबसे पहले करें गणपति पूजन
हिंदू परंपराओं में किसी भी शुभ कार्य जैसे: शादी, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, पूजा-अर्चना, यज्ञ-हवन इन सभी से पहले गणेश जी को जरूर याद किया जाता है। यह परंपरा सिर्फ एक धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि अनुभव और आस्था पर आधारित एक सत्य है कि जब गणेश जी को पहले याद किया जाता है, तो कार्यों में रुकावट नहीं आती।
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