Yogi Govt Today News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य कर विभाग में बड़े भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी है। रायबरेली में तैनात राज्य कर विभाग के तीन अधिकारियों पर सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति पहुंचाने के आरोप में कड़ी कार्रवाई की गई है। इनमें से दो अधिकारियों — सहायक आयुक्त रितेश कुमार बरनवाल और उपायुक्त मनीष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि तत्कालीन संयुक्त आयुक्त देवेंद्र सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
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बोगस फर्म से मिलीभगत का आरोप
सरकारी आदेश के अनुसार, इन अधिकारियों पर राजधानी इंटरप्राइजेज नामक बोगस फर्म के साथ साठगांठ कर 10 करोड़ 76 लाख 63 हजार रुपये से अधिक की आईजीएसटी – आईटीसी राशि को धोखाधड़ी से प्रदेश से बाहर स्थानांतरित करने का आरोप है। इस कार्रवाई से राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ है।
जांच अधिकारी नियुक्त| Yogi Govt
इस गंभीर मामले की जांच के लिए अपर आयुक्त सैमुअल पाल एन. को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। निलंबन की अवधि में मनीष कुमार और रितेश बरनवाल को संयुक्त आयुक्त, राज्य कर कार्यालय, बांदा से संबद्ध किया गया है।
देवेंद्र सिंह पर भी लापरवाही का आरोप
तीसरे आरोपी, तत्कालीन संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) देवेंद्र सिंह पर आरोप है कि मामले की जानकारी होने के बावजूद उन्होंने न तो मुख्यालय और न ही केन्द्रीय जीएसटी अधिकारियों को समय रहते अवगत कराया। साथ ही, राजस्व की सुरक्षा के लिए कोई त्वरित कार्रवाई भी नहीं की। उनके खिलाफ भी विभागीय जांच अपर आयुक्त सैमुअल पाल एन करेंगे।
विशेष सचिव ने जारी किया आदेश
Yogi Govt: इस पूरे मामले में राज्य कर विभाग के विशेष सचिव श्याम प्रकाश नारायण ने मंगलवार को आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है कि सरकार को क्षति पहुंचाने के गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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