Russia Ukraine News: वतन लौटी योगिता, कहा- यहां मेडिकल शिक्षा महंगी, इसलिए बच्‍चे जाते हैं विदेश

देवनगरी उत्तराखंड चमोली जिले के मजोठी गांव निवासी योगिता यूक्रेन से अपने वतन लौट चुकी है। अब वह देहरादून में अपने स्वजन के साथ है। योगिता ने कहा कि यदि हमारे भारत में महंगी चिकित्सा शिक्षा नहीं होती तो मध्यम वर्गीय बच्चों को विदेशों की दौड़ नहीं लगानी होती।रूस-यूक्रेन युद्ध से देश के कई लोग भी प्रभावित हुए हैं। खासकर मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए बच्चों में वापस लौटने के बाद भी भय का माहौल है। उत्तराखंड के चमोली जिले के दशोली विकासखंड के मजोठी गांव की योगिता भी उनमें से एक है। अब वह यूक्रेन से अपने घर देहरादून परिजनों के बीच है। योगिता अपने परिवार के बीच आकर राहत महसूस कर रही है।

योगिता के घर पहुंचने पर स्वजन ने भी राहत की सांस ली है। योगिता ने फ़ोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार का आभार जताया है। योगिता ने कहा कि पोलेंड स्थित भारतीय दूतावास ने यूक्रेन से आने वाले सभी छात्रों के लिए खाने, रहने व देश वापसी की जिम्मेदारी उठाई।

ऑनलाइन क्लास की एडवाइजरी

यूक्रेन में फंसी लालढांग की छात्रा कंचन सकुशल अपने घर पहुंच चुकी है। देर रात परिजन उसे लेने लालढांग से हरिद्वार पहुंचे, जहां मिठाई खिला उसे घर ले गए। कंचन ने बताया कि देश की सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कई भारतीय छात्र-छात्राएं मेडिकल की डिग्री के लिए यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में रहकर पढ़ाई कर रहे थे।

युद्ध शुरू होते ही ऐसे छात्र-छात्राओं के परिजन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठे। कंचन के युद्ध भरे माहौल से घर लौटने के बाद उसके परिजन काफी खुश हैं। यूक्रेन से वापस लौटी कंचन ने बताया कि 24 तारीख को युद्ध शुरू हुआ था। जिसके बाद 25 तारीख को उन्हें इवानो से रोमानिया बॉर्डर के लिए रवाना कर दिया था। दोबारा यूक्रेन जाने के बारे में उन्होंने कहा कि फिलहाल ONLINE क्लास की एडवाइजरी जारी हुई है। अगर सब कुछ सामान्य रहा तो है MBBS कोर्स को पूरा करना चाहती हूं।

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