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Kanwar Yatra 2025: महिलाएं भी कर सकती हैं कांवड़ यात्रा, जानिए किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

Kanwar Yatra 2025 में महिलाएं भी हिस्सा ले सकती हैं। जानिए कांवड़ यात्रा से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं, स्वास्थ्य से जुड़े नियम और सुरक्षा के उपाय।

Kanwar Yatra 2025: सावन माह की शुरुआत के साथ ही हर साल देशभर में करोड़ों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है। इस दौरान श्रद्धालु पवित्र नदियों से जल भरकर शिवालयों तक जाते हैं और भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं। (Kanwar Yatra 2025)पहले यह यात्रा केवल साधुओं तक सीमित थी, लेकिन समय के साथ इसमें आम लोग भी जुड़ने लगे हैं। अब महिलाएं भी इस धार्मिक यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।

धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो शास्त्रों और पुराणों में महिलाओं के कांवड़ यात्रा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि सामाजिक मान्यताओं और सुरक्षा कारणों से पहले महिलाएं इसमें कम भाग लेती थीं। लेकिन वर्तमान में प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार और महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ती सजगता के कारण अब महिलाएं भी समूह बनाकर कांवड़ यात्रा कर रही हैं। कई शहरों और गांवों में महिलाओं की अलग टोलियां देखी जाती हैं, जो पूरे नियमों का पालन करते हुए शिव को जल चढ़ाने निकलती हैं।

Kanwar Yatra 2025-महिलाओं को कांवड़ यात्रा में किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

हालांकि महिलाओं को इस यात्रा के दौरान कुछ जरूरी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले यह कि कांवड़ यात्रा अत्यंत पवित्रता और मानसिक एकाग्रता की मांग करती है। यदि कोई महिला मासिक धर्म में है, तो उसे इस दौरान यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह समय शारीरिक रूप से अशुद्धि का माना जाता है। इसके अलावा किसी प्रकार की गंभीर बीमारी या शारीरिक कमजोरी होने पर भी यात्रा से परहेज करना चाहिए

महिलाओं के लिए कोई अलग धार्मिक नियम नहीं बनाए गए हैं। (Kanwar Yatra 2025)उन्हें भी पुरुषों की तरह सभी नियमों का पालन करना होता है। जैसे कि यात्रा के दौरान संयम रखना, शुद्ध भोजन करना, कांवड़ को जमीन पर नहीं रखना और पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है। यात्रा के समय शोर-शराबे और अनुचित आचरण से बचना चाहिए।

महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें सलाह दी जाती है कि वे समूह में यात्रा करें और यात्रा से पहले मार्ग की पूरी जानकारी ले लें। यदि संभव हो तो स्थानीय प्रशासन या महिला सुरक्षा टीम से संपर्क में रहें। यात्रा के दौरान भोजन, जल और विश्राम की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित कर लें ताकि किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।

आज के समय में महिलाओं की भागीदारी केवल मंदिरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वे धार्मिक यात्रा जैसी कठिन साधनाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। कांवड़ यात्रा, जो कि भक्ति, समर्पण और सेवा का प्रतीक है, अब महिलाओं की आस्था और आत्मबल का भी परिचायक बन चुकी है।

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