नेता, माफिया, अफसरों के मजबूत गठजोड़ से फल-फूल रहा टिंबर माफियाओं का कारोबार, नमक-लोटा प्रथा को बनाया हथियार

नेता, माफिया, अफसरों के मजबूत गठजोड़ से फल-फूल रहा टिंबर माफियाओं का कारोबार, नमक-लोटा प्रथा को बनाया हथियार

टिंबर माफियाओं का कारोबार उत्तराखंड में फल-फूल रहा है। इसके पीछे नेता, माफिया और अफसरों का मजबूत गठजोड़ है। ये लोग मिलकर अवैध लकड़ी की तस्करी कर रहे हैं। इस कारोबार में करोड़ों रुपये का घपला हो रहा है।

टिंबर माफियाओं ने नमक-लोटा प्रथा को अपना हथियार बना लिया है। इस प्रथा के तहत, वन विभाग के कर्मचारी टिंबर माफियाओं को रिश्वत के रूप में नमक और लोटा देते हैं। इसके बदले, टिंबर माफिया अवैध लकड़ी की तस्करी करने के लिए स्वतंत्र रहते हैं।

टिंबर माफियाओं के इस कारोबार से वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, यह कारोबार पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है।

टिंबर माफियाओं का कारोबार रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। इसमें नेता, माफिया और अफसरों के गठजोड़ को तोड़ना होगा। इसके अलावा, वन विभाग के कर्मचारियों में ईमानदारी को बढ़ावा देने की जरूरत है।

टिंबर माफियाओं के कारोबार को रोकने के लिए सरकार को उठाने होंगे ये कदम:

नमक-लोटा प्रथा को रोकने के लिए सरकार को उठाने होंगे ये कदम:

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