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यूजीसी एंटी रैगिंग गाइडलाइंस: यूजीसी ने जारी की सख्त अगली, कॉलेजों में अब ‘रैगिंग-फ्री’ माहौल बनाना अनिवार्य

यूजीसी एंटी रैगिंग गाइडलाइंस: यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को हिदायत दी है कि वो रैगिंग-फ्री कैंपस सुनिश्चित करें, अन्यथा ग्रांट रोकी जा सकती है। 89 संस्थानों को नोटिस जारी।

यूजीसी एंटी रैगिंग गाइडलाइंस: कॉलेजों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले, University Grants Commission (UGC) ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को रैगिंग मुक्त कैंपस सुनिश्चित करने हेतु कड़ा निर्देश दिया है। यह सिर्फ सलाह नहीं, बल्कि अब अनिवार्य नियम बन गया है—वरना शैक्षणिक अनुदान और वित्तीय सहायता रोकी जा सकती है।

यूजीसी की सख्त गाइडलाइंस – विस्तारपूर्वक

  • रैगिंग के सभी रूप—फिजिकल, मानसिक और डिजिटल—खत्म करने होंगे। इसमें मौखिक अपमान, सामाजिक बहिष्कार, जबरन वेशभूषा बदलवाने या सोशल मीडिया ग्रुप द्वारा नए छात्रों को परेशान करना शामिल है।

  • हर छात्र से ‘एंटी‑रैगिंग अंडरटेकिंग’ लेना अनिवार्य है—चाहे वह नया हो या पुराना।

  • अनऑफिशियल ग्रुप्स और चैट समूह को बनना प्रतिबंधित होगा, और जहां बन चुके हों, उन्हें तत्काल रद्द कराया जाएगा।

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89 संस्थानों को ‘कारण बताओ’ नोटिस

UGC ने हाल ही में 89 उच्च शिक्षा संस्थानों को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनसे पूछा गया है कि आज तक उन्होंने रैगिंग विरोधी दिशा-निर्देश क्यों लागू नहीं किए। नोटिस स्पष्ट कहता है कि यदि αυτά निर्देश हटा नहीं पाए तो उनकी यूनिवर्सिटी ग्रांट रोकी जा सकती है।

UGC की कार्रवाई की रूपरेखा

  • सभी संस्थानों को अपने परिसर में एंटी‑रैगिंग सेल सक्रिय करना होगा।

  • रैगिंग के घटनाओं पर चौकसी रखनी होगी और आयोजन में एंटी‑रैगिंग जागरूकता को बढ़ावा देना होगा।

  • किसी भी रैगिंग की सूचना मिलने पर त्वरित न्यायिक और अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी होगी।

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