सर्वे में कमजोरी के बावजूद मंत्रियों के टिकट नहीं कटेंगे: 28 मंत्री और 5 प्रसिद्ध लोगों के साथ एक रणनीति बनाई गई, जानिए-विश्वास की असली वजहें
कांग्रेस लगभग सभी मंत्रियों को चुनाव में टिकट देगी। सर्वे रिपोर्टों में कुछ मंत्रियों की स्थिति कमजोर बताई गई थी, लेकिन पार्टी अभी भी उन पर भरोसा करती है।
मंत्री ही नहीं, कांग्रेस सरकार में अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे छह से सात नेताओं के टिकट भी नहीं काटे जाएंगे। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की दो दिन पहले हुई बैठक में भी इस विषय पर चर्चा हुई है।
इस बैठक में उठाए गए मुद्दों को इस खास रिपोर्ट में पढ़ें। कांग्रेस के सर्वे में क्या सामने आया था और मंत्रियों के टिकटों को क्यों नहीं काटा जाएगा?
कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में क्या निर्णय लिए गए?
कांग्रेस के भीतरी सर्वे पर चर्चा हुई हैदराबाद में सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में। इस बैठक में भाग लेने के बाद राजस्थान से वापस आए सीडब्ल्यूसी सदस्य और प्रदेश इलेक्शन स्ट्रेटेजिक कमेटी के चेयरमैन हरीश चौधरी ने भास्कर को बताया कि मंत्रियों के टिकट काटने का कोई नीतिगत निर्णय नहीं हुआ है। यह सीट दर सीट पर निर्भर करता है। विभिन्न कारणों से हर बार कुछ मंत्रियों के टिकट ऊपर-नीचे होते रहते हैं।
सर्वे में कई कमजोर मंत्री हैं, लेकिन..।
तीन सर्वे हो चुके हैं: कांग्रेस आलाकमान, प्रदेश कांग्रेस, सरकार और मुख्यमंत्री। इलेक्शन स्ट्रेटेजिक एजेंसियां कुछ अतिरिक्त सर्वे करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पांच से छह विधायकों और पांच मंत्रियों को कमजोर बताया गया था।
सर्वे टिकटों के समीकरण बनाने में मदद करेंगे, लेकिन टिकटों का वितरण इसी तरह नहीं होगा। सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि जीतने की क्षमता (विनेबिलिटी) टिकट देने का एकमात्र मापदंड है।
मंत्रियों के टिकट क्यों नहीं काटे जाएंगे? भास्कर ने कांग्रेस सरकार के सभी कैबिनेट मंत्रियों की क्षमता का विश्लेषण किया…।
1. नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल
-विधानसभा में धारीवाल ही एकमात्र मंत्री हैं, जिन्होंने विपक्ष के हमलों से सरकार को बचाया है। सरकार उनका ट्रबल शूटर मानती है।
– कोटा में चंबल रिवर फ्रंट नामक विश्वव्यापी पहचान बनाने वाला प्रोजेक्ट बनाया गया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने भी इस परियोजना की हाल ही में प्रशंसा की है। गहलोत ने सार्वजनिक रूप से धारीवाल की प्रशंसा कई बार की है।
टिकट नहीं कटने के कारण: जैन-वैश्य और हाड़ौती क्षेत्र में कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेता हैं। वह तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे हैं। मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी भरोसा है।
कांग्रेस सरकार कोटा में निर्मित चंबल रिवर फ्रंट को विश्वस्तरीय परियोजना बता रही है। बीते सप्ताह, सीएम गहलोत सहित कई कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को भी कोटा गया था।
कांग्रेस सरकार कोटा में निर्मित चंबल रिवर फ्रंट को विश्वस्तरीय परियोजना बता रही है। बीते सप्ताह, सीएम गहलोत सहित कई कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को भी कोटा गया था।
2BD कल्ला, शिक्षा मंत्री
– जलदाय और ऊर्जा के महत्वपूर्ण महकमे भी देख रहे हैं।
– उनके कार्यकाल में शिक्षा विभाग ने 48000 पदों पर शिक्षकों की सबसे बड़ी भर्ती सकुशल पूरी की है, जो राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों से एक बहुत बड़ी चुनौती थी।
टिकट नहीं कटने के कारण: ब्राह्मणों का मूल है। 2008 और 2013 में लगातार दो बार चुनाव हारने पर भी कांग्रेस ने उनका टिकट नहीं काटा था। ऐसे में इस बार उनके टिकट काटने की संभावना कम है।
3. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा
– मीणा जाति के लोग पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता हैं। वह पांचवी बार सांसद बन चुके हैं।
– इनके कार्यकाल में सरकार ने कोरोना के दूसरे चरण को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया।
टिकट नहीं कटने के कारण: कांग्रेस पूर्वी राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा जैसे प्रभावशाली नेता नहीं है। किरोड़ी लाल का चुनाव भी परसादी ने हार गया है।
4. ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी
– भाटी ने कोलायत की उस सीट से दो बार लगातार जीत हासिल की है, जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने पांच-छह बार लगातार जीत हासिल की थीं।
– 2013 में कांग्रेस ने सिर्फ 21 सीटें जीती थीं, फिर भी भाटी कांग्रेस से जीते। यह उनकी विनम्र, अविवादित नेता की छवि है।
टिकट नहीं कटने के कारण: भाजपा से अधिक राजपूत समाज के विधायक-मंत्री कांग्रेस में हैं। यही कारण है कि भाटी को टिकट भी मिलना तय है।
सीकर की प्रभारी मंत्री शकुन्तला रावत गहलोत कैबिनेट में गुर्जर समाज का एकमात्र प्रतिनिधि हैं।
सीकर की प्रभारी मंत्री शकुन्तला रावत गहलोत कैबिनेट में गुर्जर समाज का एकमात्र प्रतिनिधि हैं।
5. उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत
– शकुंतला गुर्जर समाज के सदस्य हैं, जो करीब 60 सीटों पर बहुमत है। वह भी समाज की अकेली महिला मंत्री हैं।
-उनके कार्यकाल में राजस्थान में अब तक की सबसे बड़ी निवेश समिट (10 लाख करोड़ रुपए) हुई। उस समिट को स्वयं मुख्यमंत्री ने पूरा किया था।
टिकट नहीं कटने के कारण: 2013 और 2018 में लगातार बानसूर सीट से चुनाव जीता है। 2008 में भाजपा ने यह सीट जीती थी। 2013 में कांग्रेस 21 सीटों पर हार गई, लेकिन शकुंतला रावत कांग्रेस के टिकट पर वहां से जीतकर विधानसभा पहुंचीं।
सालेह मोहम्मद, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री
-सालेह कांग्रेस का परंपरागत समर्थक मुस्लिम समाज से हैं। उनके पिता गाजी फकीर को पोकरण-जैसलमेर क्षेत्र में बहुत श्रद्धांजलि मिलती है।
टिकट नहीं कटने के कारण: कांग्रेस में भी पोकरण और सालेह के बीच कोई मुकाबला नहीं है। यह अल्पसंख्यक दल का सिर्फ दूसरा मंत्री है।
7. खेल मंत्री अशोक चांदना
– चांदना गुर्जर समुदाय से हैं और हिंडोली से दूसरी बार विधायक बनने के लिए चुने गए हैं।
– चांदना ने भी 32 लाख खिलाड़ियों वाले शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक खेलों का आयोजन किया है, जिसमें सीएम और मंत्रियों ने स्वयं कबड् डी खेली।
टिकट नहीं कटने के कारण: भाजपा पहले हिंडोली सीट पर शासन करती थी, लेकिन चांदना ने 30 से 35 की आयु में लगातार दो बार जीत कर कांग्रेस को क्षेत्र में मजबूत किया है।
चांदना ने हाल ही में बूंदी में राज्य सरकार के खिलाफ धरना भी दिया, जिसे लेकर सीएम गहलोत नाराज थे।
चांदना ने हाल ही में बूंदी में राज्य सरकार के खिलाफ धरना भी दिया, जिसे लेकर सीएम गहलोत नाराज थे।
8. राजस्व मंत्री रामलाल जाट
जाट ने पिछले २५ वर्षों में ५ चुनाव जीते हैं। 1998, 2003 और 2008 में तीन बार चुनाव जीते थे।
टिकट नहीं कटने के कारण: वह जाट समुदाय के मजबूत नेता हैं। वह भीलवाड़ा डेयरी के लंबे समय से चेयरमैन रहे हैं। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा को भी संयोजित किया है।
9. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ९।
आंजना (2009) भी चित्तौड़गढ़ से सांसद रहे हैं। वह दूसरी बार मंत्री और तीसरी बार विधायक हैं।
टिकट नहीं कटने के कारण: विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और मुख्यमंत्री गहलोत दोनों उसके विश्वस्त नेता हैं। ओबीसी पटेल समुदाय से एकमात्र मंत्री हैं।
10. परिवहन मंत्री बृजेन्द्र ओला
झुंझुनूं की सीट से लगातार तीसरी बार विधायक बन रहे हैं। वह पूर्व केन्द्रीय मंत्री और प्रसिद्ध कांग्रेस नेता शीशराम ओला का बेटा है।
टिकट नहीं कटने के कारण: भाजपा ने बृजेंद्र की सीट को अपनी सबसे कम 19 सीटों में से एक बताया है। भाजपा ने यहां से 2014 और 2019 में लगातार दो बार लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन 2008, 2013 और 2018 में बृजेन्द्र ने सीट नहीं जीती।
जयपुर की सिविल लाइंस सीट से विजेता प्रताप सिंह खाचरियावास को कांग्रेस में एक मजबूत मुखर राजपूत नेता माना जाता है।
जयपुर की सिविल लाइंस सीट से विजेता प्रताप सिंह खाचरियावास को कांग्रेस में एक मजबूत मुखर राजपूत नेता माना जाता है।
11. खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास
कांग्रेस में खाचरियावास सर्वोच्च राजपूत नेता हैं। राजस्थान में यह समुदाय 2 से 3 सबसे प्रभावशाली मतदाताओं में गिना जाता है। वे भाजपा के राजनीतिक हमलों का बेहतर ढंग से उत्तर देते हैं, चाहे वह विधानसभा के भीतर हो या बाहर हो।
टिकट नहीं कटने के कारण: राजपूत कांग्रेस के आम मतदाताओं में से कोई नहीं है। इसलिए खाचरियावास ने कांग्रेस में अपना अलग स्थान बनाया है।
12. जलदाय मंत्री महेश जोशी
जोशी को राजनीतिक गलियारों में सीएम गहलोत का सबसे भरोसेमंद मंत्री माना जाता है। 2009 में जयपुर से भी सांसद चुके हैं।
उस समय भाजपा ने जयपुर में लगातार छह बार चुनाव जीता था। कांग्रेस में महेश जोशी का राजनीतिक पद बहुत ऊंचा हो गया है।
टिकट नहीं कटने के कारण: 2018 में, वह हवामहल की उस सीट से विधायक बने हैं, जहां भाजपा ने पिछले 10 में से आठ बार जीत हासिल की है।
13: कृषि मंत्री लालचंद कटारिया
2009 में जयपुर ग्रामीण से सांसद रहे हैं। वह झोटवाड़ा और आमेर से विधायक रहे हैं। भी केंद्रीय मंत्री रहे हैं।
टिकट नहीं कटने के कारण: कांग्रेस में उनके बराबर का कोई नेता फिलहाल झोटवाड़ा सीट पर नहीं है। साथ ही, इस क्षेत्र में सबसे अधिक जाट बहुलता वाले मतदाता समुदाय से आते हैं।