5-2-2022 आइए हम आपको बताते हैं बसंत पंचमी से जुड़ी जरूरी बातें

आज बसंत पंचमी का त्यौहार पूरे देश में जोरों शोरों से मनाया जा रहा है हम सभी जानते हैं कि बसंत पंचमी वाले दिन मां सरस्वती का पूजन किया जाता है पुराण के अनुसार चैत महीने की प्रतिपदा यानी गुड़ी पड़वा पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी लेकिन जब ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना की थी तो इस सृष्टि में बाकी सब कुछ तो विधमान था लेकिन ज्ञान की कमी थी तब सरस्वती मां के जन्म के साथ इस धरती पर ज्ञान की शुरुआत हुई जिस दिन मां सरस्वती ने अवतार लिया था वह दिन बसंत पंचमी का था इसलिए इस दिन को ज्ञान का दिन माना जाता है सरस्वती जी का पूजन मात्र एक परंपरा नहीं है यह सभी को अपने जीवन को एक सही दिशा में ले जाने की पहल भी है क्योंकि जैसा हम जानते हैं की ज्ञान के बिना जिंदगी अधूरी होती है यह पर्व जिंदगी की सबसे बड़ी पांच जरूरी बातों को हमें बताता है यह प्रभाव में बताता है कि हमें मां सरस्वती का पूजन क्यों करना चाहिए।

आइए हम आपको बताते हैं वह पांच सबसे जरूरी बातें जो आज के दिन यानी बसंत पंचमी से जुड़ी हुई हैं

ज्ञान – जो चीज जिंदगी में हर पल हमारे साथ रहती है वह हमारा ज्ञान होता है ज्ञान के बिना सफलता के पहले पायदान पर पहुंचना भी दुर्लभ होता है बसंत पंचमी सरस्वती मां के अवतार कर देना यह दिन कहता है ज्यादा से ज्यादा ज्ञान प्राप्त करें हमारे पास में जितनी ज्यादा नॉलेज होगी हमारे जीवन का संघर्ष उतना ही कम होता जाएगा ।

संपन्नता- संपन्नता ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी पर पीले रंग के फूल खिलते हैं बसंत का रंग ही पीला होता है और पीला रंग संपन्नता का सूचक है जो ज्ञान की संपन्नता को लाता है संपन्नता का अर्थ सिर्फ धन से ही नहीं होता है ज्ञान आपके और हमारे व्यक्तित्व स्वास्थ्य और व्यवहार को भी संपन्न बना देता है बसंत पंचमी का दूसरा संदेश संपन्नता ही है संपन्नता में तन मन और धन तीनों ही जुड़े हुए है।

सफलता –बसंत पंचमी परिवर्तन का समय माना जाता है जैसा कि हम जानते हैं कि यह पर्व बसंत मौसम के शुरुआत या यह कहें कि उसके स्वागत के लिए ही मनाया जाता है इस दिन से धूप तेज होने लगती है और गर्मी शुरू हो जाती है दूसरा परिवर्तन यह होता है कि सरसों से लेकर आम तक के पेड़ में फूल आने लगते हैं अगर ज्ञान साथ में होता है तो मेहनत का परिणाम भी जल्दी मिलता है यह परिणाम ही सफलता होती है यह सर्दियों में किया गया आलस को छोड़ने का समय होता है बसंत पंचमी का एक दूसरा अर्थ होता है कि अब पसीना बहाए और अपनी कोशिशों से सफलता प्राप्त करें।

शांति– बसंत पंचमी का दिन दो मौसमों के मेल का दिन है शिशिर यानी कि सर्दी खत्म हो रही है और बसंत यानी गर्मी का पहला पड़ाव आरंभ हो रहा है इस समय प्रकृति का रूप ही अनोखा होता है हवा से लहराते पत्तों की आवाजें पक्षियों का कलरव एक अलग ही प्यारे से संगीत का एहसास कराता है शास्त्रों के मुताबिक यदि इस समय प्रकृति के बीच में बैठकर मैडिटेशन किया जाए तो यह हमारे दिमाग को शांति और सुकून देता है।

शुद्धता- ज्ञान की देवी मां सरस्वती के कपड़े वाहन हंस और आभूषण फूल और मोती सब कुछ सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक होता है एक हल्का दाग इसे खराब कर सकता है सरस्वती का यह रूप कहता है हमारा चरित्र इतना शुद्ध हो कि इससे हमारा व्यक्तित्व चमक जाए अगर आपका चरित्र अच्छा नहीं है तो आपके पास में कितना भी ज्ञान हो कितना भी धन हूं यह सब किसी काम नहीं आता है ज्ञान की पहली शर्त चरित्र की शुद्धता ही है।

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