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 Dyson Spheres: वैज्ञानिकों ने एडवांस सभ्यता के सबूत 7 जगह पाए,Aliens करते हैं तारों की ऊर्जा का उपयोग !

Dyson Spheres in Universe:

Dyson Spheres in Universe: वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में सात Dyson spheres पाए हैं, जो उनके अनुसार केवल अत्यंत विकसित सभ्यता को जन्म दे सकते हैं। इस तरह, Dyson sphere किसी तारे की पूरी ऊर्जा ले सकता है।

DYSONS spheres in the Milky Way: ब्रह्मांड में जीवन खोजने वाले वैज्ञानिकों ने बहुत कुछ पाया है। उन्हें एलियन तकनीक की उपस्थिति के संकेत मिले हैं। वैज्ञानिकों की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने मिल्की वे में डायसन क्षेत्रों (Dyson spheres) के होने की पुष्टि की है। यह एक ऐसा हाइपोथेटिकल इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य सिर्फ अत्यंत विकसित सभ्यता का निर्माण करना है। यूके, स्वीडन, भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इन ‘एलियन’ मेग्रास्ट्रक्चर्स का पता लगाया है। Royal Academy of Sciences के मंथली नोटिसेज में उनका अध्ययन प्रकाशित हुआ है। डायसन क्षेत्रों की खोज के लिए “प्रोजेक्ट हेफैस्टोस” शुरू किया गया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्होंने ऐसे सात डायसन क्षेत्रों को खोज निकाला है। इसके लिए उन्होंने करोड़ों वस्तुओं की जांच की। अभी इनको समझने के लिए बहुत analysis की आवश्यकता होगी।

इनकी खोज करीब छह दशक बाद हुई

1960 में, एस्ट्रोनॉमर फ्रीमैन जे. डायसन ने ऐसे मेगास्ट्रक्चर्स की मौजूदगी का विचार किया था। उनका विचार था कि सोलर सिस्टम के आकार का एक खोल होगा जिसके भीतर ‘ऑब्जेक्ट्स का झुंड’ होगा। इस प्रकार का स्ट्रक्चर किसी तारे की स्वंतत्र कक्षा में जा सकता है। डायसन ने कहा कि तकनीकी रूप से विकसित एलियन सभ्यताएं शायद अपने तारे के चारों ओर ऐसे इमारतों को बना सकती हैं ताकि वे उसकी ऊर्जा का उपयोग कर सकें। ऐसे मेग्रास्ट्रक्चर्स का सबसे बड़ा रूप पूरे तारे को घेरने वाला एक भीमकाय गोला होगा। इन काल्पनिक मेग्रास्ट्रक्चर्स को डायसन के नाम पर ही “डायसन स्फेयर” कहा जाता था। अब वैज्ञानिकों ने उनकी मौजूदगी के संकेत पाए हैं।

ये तारे हमारे सूर्य से छोटे और कम चमकीले हैं

अध्ययन के अनुसार, रिसर्चर्स ने कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग करके हमारी गैलेक्सी के 50 लाख से अधिक तारों की जांच की। ऐसे गोले से घिरे हो सकने वाले सात तारों की पहचान हुई। ये सातों M-बौने तारे हैं, जो सूर्य से छोटे और कम चमकीले हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि ये सभी तारे पृथ्वी से 1000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं। अब रिसर्च टीम इन सातों तारों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग कर रही है।

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