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Number 18 Significance:18 नंबर को अंकशास्त्र में इतना शुभ क्यों माना जाता है? प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसका उल्लेख किया, जानें हिंदू धर्म में इसका महत्व

Number 18 Significance: धर्मशास्त्र और अंकज्योतिष में 18 नंबर बहुत विशिष्ट है। 18 नवंबर का महत्व जानिए ज्योतिष चिराग बेजान दारूवाला से।

Number 18 Significance: हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में 18 अंक बहुत शुभ हैं। ज्योतिष में भी यह अंक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका योग 9 है। यानी 18 का योग 1+8=9 बनाता है, जो अंकज्योतिष में सबसे शक्तिशाली अंक है। ज्योतिष में 18 अंक का योग 1+8=9 है। अंक 9 गुरु से प्रभावित होता है, जो धन और उन्नति का प्रतीक है। इसलिए ज्योतिषियों ने इसे मंगल से जोड़ा है। आज हम ज्योतिषी बेजान दारूवाला से हिंदू धर्म में 18 अंक का महत्व जानेंगे।

पुराण संख्या 18

हिंदू धर्म, जिसे हम सनातन धर्म कहते हैं इस धर्म में आठ पुराणों का उल्लेख है। धर्म की सिद्धियों की कुल संख्या, जिनके बारे में अक्सर कहा जाता है, 18 है। इनमें अणिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, सिद्धि, ईशित्व या वशित्व, सर्वकामावस्या, सर्वज्ञता, दूरश्रवण, सृष्टि, परकायाप्रवेशन, वाक सिद्धि, कल्पवृक्षत्व, संहार क्षमता, भावना, अमरता और सर्व न्यायाक्त्वा शामिल हैं।

18 तरह की विद्याएं

चार वेद और छह वेदांग हैं। इनके साथ ही न्यायशास्त्र, पुराण, धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, आयुर्वेद, धनुर्वेद और गंधर्ववेद सहित 18 विद्याएं हैं।

18 प्रकार का समय है

कालचक्र या समय की गति के भी 18 रूप हैं। इनमें एक वर्ष, पांच ऋतुएं और 12 महीने हैं। इन सभी को मिलाकर कुल आठ प्रकार के काल बनते हैं।

श्रीकृष्ण और 18 की संख्या

गीता में 18 अध्याय हैं, जिसके माध्यम से कान्हा ने मानव जाति को जीवन का सार समझाया। इतना ही नहीं, इस ज्ञान सागर में 18 हजार श्लोक शामिल हैं।

मां शक्ति और 18 की संख्या

माँ भगवती के 18 लोकप्रिय नाम हैं। इनमें काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कूष्मांडा, कात्यायनी, दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, पार्वती, श्री राधा, सिद्धिदात्री और भगवती हैं। और मां भगवती की 18 भुजाएं हैं।

सांख्य दर्शन में 18 का महत्व

सांख्य दर्शन में पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश के अलावा मनुष्य, प्रकृति और मन पांच महाभूत हैं। कान, त्वचा, आँख, नाक और जीभ पाँच ज्ञानेन्द्रियां हैं। इनके अलावा जननेन्द्रिय, वाणी, हाथ, पैर और गुदा हैं। इनकी कुल संख्या भी 18 होती है।

ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 नंबर पर कही

बता दें कि देश की 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून 2024 से शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा सत्र की शुरुआत से पहले देश को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आठवीं लोकसभा नए उद्देश्यों से काम करे। उनका कहना था कि जो लोग भारत की परंपराओं को जानते हैं और उसके सांस्कृतिक विरासत से परिचित हैं, वे 18 अंकों को महत्वपूर्ण मानते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 18 कर्म, कर्तव्य और करुणा का संकेत है। यहाँ 18 पुराण और लोकपुराण भी हैं। 18 का मूलांक 9 है और 9 पूर्णता की गारंटी देता है। पीएम मोदी ने कहा कि 9 मूलांक पूर्णता का प्रतीक अंक है। हमारे देश में लोगों को 18 साल की उम्र में ही मताधिकार मिलता है। 18वीं लोकसभा का गठन भी एक शुभ संकेत है। 18वीं लोकसभा भारत के अमृतकाल की अहम लोकसभा होगी।

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